सोमवार, 5 सितंबर 2016

नमस्कार। आपको शिक्षक दिवस पर प्रणाम। हर कोई जो इस वक्त मेरे साथ है  , मेरे लिए एक शिक्षक हो। आप हर किसी से मुझे बहुत कुछ सीखना है। मेरा शिक्षक बनना चाहेंगे आप ? फेसबुक के माध्यम से मुझे सिखाईये।  मैं सीखने के लिए व्याकुल हूँ।  आप से। और यही मेरा शिक्षक दिवस पर आपके लिए मूल सन्देश है।
अगर आप सोचो हर इंसान से हम कुछ न कुछ सीख सकते हैं। और यही कठिन है। क्योंकि हम अपने मन में तय कर लेते हैं कि किससे हम सीख सकते हैं , किससे नहीं। इसी संकीर्ण सोच के कारण हम अकसर सीखने का अवसर खो देते हैं।
अगर आप सोचिये शिक्षक के विषय में सोचते वक़्त  हम स्कूल , कॉलेज , यूनिवर्सिटी , गुरु , ट्यूटर, ट्रेनिंग या कोच को याद करते हैं। इन लोगों का हमारे ज़िन्दगी में अलग स्थान है। रहेगा।
एक बार सोचिये स्कूल , कॉलेज के बाद क्या आपको और कुछ नहीं सीखना है ? किससे सीखेंगे आप ? बुजुर्गों से ? सीनियर से ? या किसी से भी ?
यह तभी हो सकता जब कि आप यह स्वीकार करो कि आप को सब कुछ नहीं आता है। दूसरों से आप सीख सकते हैं और आप से भी दुसरे सीख सकते हैं।
कहा जाता है कि  इस दुनिया में मौजूद नॉलेज या ज्ञान को आप अपने लिए तीन अंश में विभाजित कर सकते हैं।
मैं इस विभाजन को अपने अंदाज़ में व्यक्त करना चाहता हूँ :

  • मुझे पता है कि मैं क्या जानता हूँ।  जैसे मैं हिंदी लिख सकता हूँ। 
  • मुझे यह भी पता है कि क्या मैं नहीं जानता हूँ। जैसे मुझे हवाई जहाज उड़ाना नहीं आता है। 
  • मुझे यह नहीं पता है कि मैं क्या नहीं जानता हूँ। कहा जाता है कि इस ब्रह्मांड में ९९ प्रतिशत से अधिक नॉलेज इस विभाजन के अन्तर्गत है। 
आप क्या मेरे विभाजन से सहमत हैं ? अगर सहमत हैं तो आपको हर वक़्त सजग रहना पड़ेगा सीखने के लिए। कहीं भी। किसी से भी। कैसे सीख सकते हैं किसी से भी ? मैं अंग्रेजी भाषा एक शब्द का प्रयोग करता हूँ- TORCH. टोर्च हमें अंधेरे में रोशनी देकर आगे बढ़ने में मदत करता है। जरा सोचिये , जितना हमारा  ज्ञान बढ़ता है , उतना हमारे मन का अँधेरा दूर होता है। याद रखने के लिए मैंने TORCH शब्द के हर एक अक्षर को एक अंग्रेजी शब्द के जरिये समझाया है। 
T - Try : सीखने के लिए प्रयास करना पड़ेगा। ऐसे काम करने पड़ेंगे जो आपने पहले कभी नहीं किया होगा। तभी आप कुछ नया सीख पाएंगे। अगर हमें तैरना सीखना है , हमें पानी में उतरना पड़ेगा चाहे हमे पानी से कितना भी डर लगता हो। अकसर असफल होने के डर से हम नई चीजों को करना नहीं चाहते हैं। और यही हमारे ज्ञान के वृद्धि में एक महत्वपूर्ण बाधा है। 
O - Observe : जो दिखता है , हमें सिखाता है।  परन्तु तभी, अगर हम देखते वक्त सोचते हैं और समझने की कोशिश करते हैं। कभी आपने टीवी पर उन चैनलस को देखा है , जहाँ जानवरों के ज़िंदगी को बेहतरीन तरीके से दर्शाया जाता है।  क्या जानवर अभिनय करते हैं ? या चैनल के फोटोग्राफर घंटो इंतज़ार और observe करता है। मैं बहुत कुछ सीखता हूँ।  जानवरों से।  उनकी ज़िन्दगी के जीने के तरीकों से हमें काफी सारी सीखें मिलती हैं। 
R - Read : पढ़ने का कोई विकल्प नहीं है। जितना पढोगे , उतना सीखोगे। अगर ध्यान से पढ़ो तो।  अगर पढ़ने में आनंद आए , तभी आप याद रख पाओगे। अन्यथा नही। कुछ भी पढ़ो।  लेकिन रोज पढ़ो। अभी तो फ़ोन में भी हम पढ़ सकते हैं। लेकिन हम पढ़ते हैं क्या ?
C- Correct: इस दुनिया में कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं है। परफेक्शन एक illusion है जिसके पीछे सफल इंसान हमेशा भागते हैं। कभी perfection मिलता नहीं है। लेकिन तरक्की हमेशा करता है।  हम तभी खुद को ठीक करके बेहतर बन सकते हैं , जब हमारे ज्ञान में बरोहत्तरी हो। 1992 से भारतीय ब्रैंड्स को ग्लोबल कॉमपीटीशन से काफी नए मापदण्डों को स्वीकार करना पड़ा और कॉमपीटीशन में बरक़रार रहने के लिए काफी सारी चीज़ें ठीक करनी पड़ी। 
H : Humility to learn : जिस दिन आप सोचोगे कि आपको सब कुछ आता है , आपका पतन शुरू हो जाता है।  एक इंटरव्यू में हमारे बॉलीवुड के बादशाह ने स्वीकार किया था कि set पर कभी वह नहीं कहते हैं कि उनको सब  कुछ आता है।  प्रोड्यूसर , डायरेक्टर, costar , स्पॉट बॉयज , किसीसे भी वह सीखते हैं ताकि और बेहतर अभिनय कर पाएँ। निरहंकार का इससे उमदा उदाहरण नहीं हो सकता है। सचिन ने 100 टेस्ट मैच के अवसर पर कहा था कि उन्होंने थोड़ा बहुत क्रिकेट खेलना सीखा है। इतने सालों के बाद भी उनको इनिंग्स के शुरुआत में उतना ही टेंशन रहता है , जितना कि अपने पहले टेस्ट पाड़ी खेलते हुए महसूस हुआ था। क्या सीखते  हैं आप इन महान लोगों की ज़िन्दगी से ?
आज का दिन मेरे लिए एक और कारण महत्वपूर्ण है। मेरे जीवन का पहला शिक्षक -मेरी माँ -बारह साल पहले इसी दिन मुझे और मेरे परिवार वालों को छोड़कर चली गई थी। मैं उनके मार्ग दर्शन पर चलने की कोशिश करता हूँ। उन्होंने केवल एक ही मंत्र दिया था -जिस दिन सीखना बंद कर दोगे , ज़िन्दगी से आनंद कम हो जाएगा।
मैं ज़िन्दगी आनंद सहित जीना चाहता हूँ।  और आप ?