शुक्रवार, 4 जून 2021

नमस्कार। यह वायरस हमारा पीछा छोड़ने को इंकार कर रहा है। आप जो यह लेख पढ़ रहे हो उनको विनती करता हूँ वैक्सीन जितनी जल्दी हो सके लगवा लीजिये परन्तु मास्क पहनना और दो मीटर की दूरी बरक़रार रखने में कोई ढील मत दीजिए। इसमें आप का और आपके अपनों का मंगल है। लकडाउन के दौरान व्हाट्स ऑप में मुझे ज़्यादा मैसेज मिलते हैं। शायद दोस्तों के पास खाली समय ज़्यादा होता है , इस वजह से। ऐसा एक मैसेज मुझे बहुत प्रभावित किया है। आज का लेख उस मैसेज पर आधारित है। मैं अपने मित्र सचिन शर्मा को धन्यवाद कहूँगा इस के लिए। 

एक स्वामीजी ने एक वीडियो में कोका कोला कंपनी के विश्व सीईओ  के ३०  सेकंड के एक सन्देश का जिक्र किया है। यह उन्होंने एक प्रसिद्द मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट के कनवोकेशन के दौरान स्पीच दिया था जहाँ पर उन्होंने ज़िन्दगी के बैलेंस शीट के विषय में चर्चा किया है। 

चालीस साल के तजुर्बे के बाद इस सीईओ ने अपने सीख के विषय में बताया  है। पहली सीख काम पर वक़्त पर पहुँचो। ऑफिस के समय पूरी निष्ठा के साथ और बिना समय बर्बाद किये हुए काम कीजिये और ऑफिस से समय पर निकल कर वापस घर पहुँच जाईये। यह ज़िन्दगी का बैलेंस शीट है। 

सर्कस के जोकर जैसे एक साथ कई गेंद उछालता रहता है बिना किसी गेंद को जमीन पर गिरने के बिना -जिसे हम जगलरी कहते हैं ,इस सीईओ का कहना है कि हम सब कोई ऐसे पाँच गेंदों के साथ अपने ज़िन्दगी में सर्वदा जगलरी करते हैं। यह पाँच गेंद हैं -हमारा काम , हमारा परिवार , हमारे दोस्त ,हमारा स्वास्थ और हमारा आत्मा। यह निरंतर जगलरी करना आसान नहीं है। शायद आप सब इस सीईओ के सोच से सहमत होंगे। 

वर्जिन अटलांटिक कंपनी का सीईओ का कहना है कि काम का सिलसिला कुछ हद तक एक बस स्टॉप के तरह है। एक बस अगर छूट भी जाए , अगर आप धैर्य के साथ सही बस स्टॉप पर रुके रहो तो कुछ समय बाद एक और बस में सवारी करने का मौका मिल सकता है। कोका कोला कंपनी के सीईओ ने अपने उसी भाषण में कुछ इसी तरह की बात बताई। उन्होंने बताया की चालीस सालों के तजुर्बे ने उन्हें इस निष्कर्ष पर पहुँचाया है  कि पाँच गेंदों में काम का गेंद रबड़  का बना हुआ है। बाकि चार गेंद काँच का बना हुआ है। 

अगर काम का गेंद जमीन पर गिर जाय , तो वह उछल कर वापस आ जायेगा। उसमे कुछ विकृत नहीं होगा। परन्तु बाकी चार गेंद जो कि काँच के बने हुए हैं अगर गिर गए तो टूट सकते हैं , विखर सकते हैं , या उन पर आँच लग सकती है। इस बात ने मुझे अत्यधिक प्रभावित किया है। मैं खुद अपने काम के गेंद पर ज़्यादा महत्व देता था। वह ना गिर जाए जमीन उसका ख्याल रखता था। अन्य चार गेंदों के विषय में उतना सोचता ही नहीं था।  क्या आप भी मेरी तरह रबड़  वाले गेंद का ज़्यादा ध्यान रखते हो और दूसरी गेंदों के विषय में उतना सोचते ही नहीं हो? शायद मेरा अनुमान सही है। इस विषय पर हम फेसबुक के माध्यम से चर्चा भी कर सकते हैं। 

अंत में सीईओ महोदय ने यह कि पैसा या कर्मछेत्र में सफलता -जिन दोनों के पीछे दुनिया भागती है -जिंदगी में सब कुछ नहीं है। पाँचो गेंदों का सही और पर्याप्त ख्याल रखना ज़िन्दगी का बैलेंस होता है। उनका सलाह है कि काम के क्षेत्र में एक पेशेवर यानि कि प्रोफेशनल के तरह काम और वर्ताव करो परन्तु अपनी ज़िन्दगी एक साधारण इंसान की तरह जिओ। कई लोग इसका विपरीत करते हैं। और इसी कारन जिंदगी का बैलेंस शीट बिगड़ जाता है।  इस सीईओ का नाम है Brian Dyson . आप चाहो तो उनका वीडियो youtube पर देख सकते हो। मैं समझता हूँ की घर से काम करते हुए -जो की आज अधिकतर लोग कर रहें हैं -इस  बात का ख्याल जरूर रखिये। 

सावधानी के साथ जीवन यापन कीजिये। इस रबड़ के एक गेंद पर ही केवल ध्यान मत दीजिये। अन्य चार काँच के गेंदों को उससे ज़्यादा सावधानी के साथ संभाल कर रखिये। इसी में हम सब का मंगल है। यही हमारे जीवन के बैलेंस शीट को सठिक और मजबूत करेगा।