शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

नमस्कार। उम्मीद  करता हूँ कि नया साल आपके लिए ठीक चल रहा है। परिस्थिति इतनी जल्दी बदल जाती है कि खुद को सँभालने का मौका नहीं मिलता है कभी कभी। पिछले महीने मैंने भारतीय क्रिकेट टीम की प्रशंसा की थी उनके जीत पर। उसके बाद क्या हुआ ? हमारी टीम हर एक मैच हार गई। क्यों। हमारे विपक्ष की टीम ने हम से सीख कर बाज़ी मार ली। उन्होंने वही किया जिसने हमारी टीम को जीत दिलाई थी -अनुशाषन ,धैर्य और संकल्प। किसने जीत दिलाई ? खिलाड़िओं ने। उनमे एक मोटिवेशन आया जीतने का। और इसी मोटिवेशन ने उन्हें जीतने में सहायता की। मेरे ३५ साल के काम करने के तजुर्बे के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुँचा हूँ कि मोटिवेशन या प्रेरणा ही इंसान को आगे बढ़ाने का एक मात्र ईंधन है। हमने कई ऐसी कहानियाँ सुनी है जहाँ प्रतिकूल परिस्थितिओं के बावजूद लोगों ने सफलता पाई है। इनका संकल्प और ज़िद इस सफलता का मूल कारण है। तो मोटिवेशन का परिभाषा क्या है ? अलग अलग लोग अपना परिभाषा देते हैं। 

मेरे लिए मोटिवेशन खुद को दिया हुआ कारण या वजह है जो कि हमारा व्यवहार या कार्य को तय करती है। परिवार का उदाहरण ले लीजिए। साँस भी कभी बहु थी मोटिवेशन का एक जबरदस्त मिसाल है। हम कुछ खरीदना चाहते हैं -उदाहरण स्वरुप एक मोबाइल फोन। हमारे पास काफी सारे विकल्प हैं। परन्तु हम किसी एक को खरीदते हैं। और हमने क्यों इसे चुना इसके लिए खुद को कारण देते हैं। और यही कारण है हमारा मोटिवेशन इस चयन का। 

अकसर माता -पिता अपने बच्चों के जरिये वह हासिल करना चाहते हैं जिनकी चाहत उनमे थी ,परन्तु किसी वजह से वह उस सपने को पूरा नहीं कर पाए। कोई पिता इंजीनियर बनने से वंचित रह गया इस लिए बच्चों को इंजीनियर बनने के लिए प्रोतसाहित करता है। सही है। परन्तु बच्चा क्या चाहता है यह इससे ज्यादा जरूरी है। पिता का मोटिवेशन उसका मोटिवेशन नहीं भी हो सकता है। और इसी विषय में कई अभिभावक गलती कर बैठते हैं। अपना मोटिवेशन जबरदस्ती बच्चों पर ठोप देते हैं। 

जिंदगी रिश्तों का सफर है। रिश्ते ज़िन्दगी को जीने लायक बनाते हैं। रिश्ते बनाना कठिन है। उसका परवरिष करना कहीं ज़्यादा कठिन होता है। और रिश्ते तोडना सबसे आसान। रिश्ते बनाने और आगे बढ़ाने में मोटिवेशन का अहम भूमिका है। अगर हम अपना मोटिवेशन और जिसके साथ हम रिश्ता आगे बढ़ाना चाहते हैं ,उनका मोटिवेशन समझ कर दोनों के मोटिवेशन को सवांरें तो रिश्ते मजबूत होते हैं और आगे बढ़ते हैं। आपने अगर थ्री इडियट्स फिल्म देखी हो तो शायद आप मेरी मेसेज को और समझ पायेंगे। 

कैसे हम किसी दूसरे को मोटीवेट कर सकते हैं ? सहज उपाय है उनके मोटिवेशन को समझ कर उनको प्रेरीत करना। आप ने शायद अपने ही परिवार में दो बच्चों में अलग मोटिवेशन देखा होगा। कोई बच्चा पढ़ाई में दिलचस्पी रखता है और दूसरा पढ़ाई से दूर रहना चाहता है। अधिकतर माता -पिता तुलना कर बैठते हैं अपने ही बच्चों में। जो नहीं पढ़ना चाहता है उसको हमेशा दूसरे का उदाहरण देते हैं। इससे कोई फायदा नहीं होता है। केवल नुकसान। जो बच्चा पढ़ने में दिलचस्पी नहीं रखता है उसके मोटिवेशन को समझने का प्रयत्न नहीं करते हैं। यह एक गलती है -माता -पिता का। 

फरवरी वैलेंटाइन का महीना है। आप लोग जो मेरे साथ हर महीने जुड़ते हो इस लेख के माध्यम से , उन सबको मेरा श्रद्धा भरा हुआ प्यार कहूँगा। आपका जीवन मंगलमय हो। इसी का कामना करते हुए आप सबको हैप्पी वैलेंटाइन डे के लिए अग्रिम शुभेच्छा। मुलाकात होगी अगले महीने इस वित्तीय वर्ष के आखरी महीने में। अपने सेहत क्या ख्याल रखिए। कोरोना अभी भी मौजूद है।