शुक्रवार, 5 मई 2023

नमस्कार। मई का महीना। गर्मी का मौसम। और मई दिवस का महीना। मई दिवस अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के नाम से पूरे विश्व में मनाया जाता है। मई दिवस पहली बार 1886 में मनाया गया था। अमरीका में मजदूरों ने दिन में आठ घंटे काम करने की माँग की। उन्होंने बेहतर काम करने का वातावरण, वेतन में बढ़त और अपने मौलिक अधिकारों के लिए मांग की। इस आंदोलन ने मजदूरों की और उनके परिवारों की ज़िन्दगी बदल दी। हमेशा के लिए। जिसका प्रभाव अर्थनीति और ज़िन्दगी पर ऐसा रहा कि वयवसाय करने के पद्धति को बदल डालना पड़ा। आज लेख इस 'अधिकारों' के विषय पर चर्चे के लिए है। 

भारतीय संबिधान ने सात मौलिक अधिकार निर्धारित किया हर भारतीय नागरिक के लिए। समानता का अधिकार , स्वतंत्र जीवन जीने का अधिकार , शोषण के खिलाफ अधिकार , किसी भी धर्म और धार्मिक प्रथाओं को निभाने का अधिकार , शिक्षा और संस्कृति का अधिकार , निजी संपत्ति का अधिकार और  साम्बीधानिक न्याय का अधिकार। 

इस सन्दर्भ  में कभी हमने अपने और दूसरों के अधिकारों के विषय में सोचा है ? शायद उतना नहीं सोचा है। हमने अपने अधिकारों के लिए सोचा है दूसरों के अधिकारों से कहीं ज़्यादा। यही नहीं। हमने कहीं कहीं दूसरों का अधिकार निर्धारित कर देतें हैं अपने दृष्टिकोण के आधार पर। माता -पिता या अभिवावक बच्चों के लिए , शिक्षक विद्यार्थिओं के लिए , पति पत्नी एक दूसरे का और मोहब्बत में प्रेमी एक दूसरे का। बॉस अपनी टीम का। 

यह , मेरे विचार में सही नहीं है। और कुछ हद तक सही भी है। उदाहरण स्वरुप माता -पिता बच्चों का मोबाइल टाइम का प्रतिबंधन लगाते हैं। यह सही है। परन्तु जितना समय निर्धारित करते हैं उसमें बच्चे मोबाइल के साथ क्या करेंगे उसको मजबूर करना सही नहीं है। कुछ अभिवावक कहते हैं कि बच्चे गलत इस्तेमाल करेंगे मोबाइल का इस लिए उन पर नज़र रखना जरूरी है। मैं इस विचार से सहमत नहीं हूँ। कोई भी इंसान अगर छुपा कर कुछ करना चाहता है , तो कोई उसे नहीं रोक सकेगा। 

हम जैसे अपने अधिकारों के विषय में जागरूक हैं और उनको प्राप्त करना चाहते हैं , हम उतना ध्यान अपनी जिम्मेवारिओं पर नहीं देते हैं। अधिकार और उसके साथ जिम्मेवारी एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। और किसी का भी ज़िन्दगी खोटा सिक्का नहीं है। रिश्ते अधिकार और कर्त्तव्य के आधार पर बनते ,सवरतें और बिगड़ जाते हैं। आप सबको निवेदन है कि इस अधिकार और जिम्मेवारी के सिक्के को सावधानी के साथ रखिये। इसी में हम सब का मंगल। हर महीने इस लेख के लिए आपका इंतेज़ार करना आपका अधिकार है और इसको पेश करना मेरी जिम्मेवारी। आपसे मेरी लेख का फीडबैक मिलने की उम्मीद करना मेरा अधिकार है। क्या आप इसको अपना जिम्मेवारी समझते हैं ?