शुक्रवार, 5 अगस्त 2022

नमस्कार। आज़ादी के अमृत महोत्सव के लिए आप सब को बधाई।  ७५ साल का सफर काफी लंबा और महत्वपूर्ण सफर है। आज़ादी मिलने से अब तक ,हमारे देश ने ,और हम सबने एक स्वाधीन ज़िन्दगी बिताई है। और इसका प्रभाव केवल भारत में ही नहीं , पूरे विश्व पर है और रहेगा। हमने इन ७५ सालों में क्या हासिल किया है इसके विषय में अनेक चर्चा हम देख और सुन रहें हैं। मेरे लेख का विषय है कि हमने क्या सही किया है इस दौरान जो की आज हमारे देश को और हम सब को पूरे विश्व में एक मजबूत स्तिथि में पहुँचा दिया है। और इससे हम अपने निजी जीवन के लिए क्या सीख ले सकते हैं। 

पहली बात है देश को चलाने के लिए संविधान का लिखा जाना और उसका प्रयोग में लाना। यह अति आवश्यक है किसी भी संगठन को सुचारु रूप से चलाने के लिए। जितना बड़ा संगठन ,उतनी इसकी जरूरत। ताकि किसी एक इंसान के मन मर्जी पर संगठन का कार्य कलाप ना निर्भर करे। 

दूसरी बात है आज के हालात को समझ कर निर्णय लेना - जब ब्रिटिश हम को आज़ाद करके चले गए , उन्होंने हमें दुनिया की तुलना में पीछे छोड़ दिया। कृषि उद्योग हमारा सबसे बड़ा जीने के साधन बन के रह गया। अधिकतर लोग पढ़ने लिखने से वंचित रह गए थे। १९६६ में कृषि उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन रेवोलुशन का सहायता लिया जिसके वनिस्पत अच्छे बीज , खाद और फसल उगाने और काटने के नई तकनीकों को अपनाया गया। 

तीसरी बात शिक्षा पर  जोड़ का प्रयत्न। अशिक्षित को शिक्षित करने के अलावा उच्च शिक्षा के कॉलेज और यूनिवर्सिटी बनाना। एक विश्वास था हमारी अपनी काबिलियत पर। प्राथमिक शिक्षा पर ध्यान देने की वजह से आज गाओं के बच्चे भी शहर के बच्चों के पढ़ाई लिखाई में आगे बढ़ रहें हैं। 

चौथी बात है पंच वर्षीय योजना। जब हमारा साधन सीमित है हमें छोटे छोटे समय में हासिल करने वाले पड़ाव लेना ही उचित होता है। एक उभरते देश के लिए पाँच साल के दरम्यान काफी बदलाव आ जाते हैं। ये पंच वर्षीय योजना हमें आत्म निर्भर बनने के पहले कदम थे। 

पांचवी बात है अपने औकात का परिचय पूरे विश्व को देना। १९५१ में ही हमने एशियाई गेम्स का आयोजन किया। १९७४ में हमने पोखरण में परमाणु शक्ति का प्रमाण दिया। इसके पहले हमने १९७१ में बंगलादेश को उनकी स्वाधीनता प्राप्त करने में मदत की। 

छठी बात बॉलीवुड और क्रिकेट के माध्यम से हमने पुरे देश को एक कर दिया। लोग सपने देखने लगे। दूरदर्शन पर रामायण , महाभारत ,बुनियाद, हमलोग जैसे कंटेंट ने हम सब को एक कर दिया। 

सातवीं बात यह है कि हमने कई सारे साहसी निर्णय लिया और कदम उठाया। १९९१ में हमने ग्लोबलाइजेशन की ओर सबसे निर्णायक और महत्वपूर्ण कदम उठाया। आज पूरे विश्व में भारत का स्थान इतना मजबूत होने का यह पहला कदम था। 

आठवाँ हमने मौके का फायदा उठाया। IT का सुनहरा मौका किसको याद नहीं है। मौका देखकर प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज बनाने के कारन इस दुनिया के हर कोने पर भारतीय IT प्रोफेशनल का बोलबाला है। 

हमारे देश के परिवहन ,सड़कें ,विमान सेवा ,रेल सेवा के बेहतर बन जाना हमारे देश के अग्रति में एक अहम् भूमिका रहा है। आज हम कितने माध्यम के जरिए एक जगह से दूसरी जगह जा सकते हैं। इनके साथ टेलीफोन और इंटरनेट सेवा में बड़ोतरी के कारन हमारा ज़िन्दगी आसान हो गया है। 

और हाल में कोरोना का मुक़ाबला। कितना डट के किया हमने। वैक्सीन के उत्पादन और लोगों को वैक्सीन देने में हमारा देश का स्थान सबसे ऊपर है। और अर्थनीति को वापस चँगा करने में भी हम अन्य देशों से आगे निकल चुके हैं। 

हम आज जहाँ पहुँच गए हैं , मेरा विश्वास है कि हमारे देश का सबसे सुनहरे दिन अभी आने वाले हैं। दुनिया वालों पिक्चर अभी बाकी है। हम १०० साल जब महोत्सव का आनंद उठाएंगे भारत हर अच्छे विषय में दुनिया का एक नंबर देश होगा। यह हमारा संकल्प है। जय हिंद। वंदे मातरम।