शुक्रवार, 1 मार्च 2024

नमस्कार। होली के महीने में आप सब का स्वागत। वित्तीय वर्ष का आखिरी महीना। टैक्स प्लैनिंग का महीना। कई वयवसाय के लिए वाणिज्य का सबसे उम्दा महीना। विद्यार्थी के लिए परीक्षा का समय। नौकरी करने वाले के लिए वार्षिक परफॉरमेंस का समय। बहुत ही व्यस्त महीना। हर किसी के लिए। दो किस्म का प्लॅनिंग चलता है। वर्ष को धमाके के साथ समाप्त करने का। और नए साल का तगड़ा शुरुआत करने की प्रस्तुति। 

मैं समझता हूँ कि मार्च का महीना आगे के बारह महीनों के प्लानिंग में इस्तेमाल करना चाहिए। किस तरह का प्लॅनिंग। मन ,धन, चैन ,प्रगति और स्वास्थ का। शायद आप हमसे सहमत होंगे अगर मैं यह कहूँ कि इन्सान का मन ही इंसान का सबसे बड़ा मित्र और सबसे कठिन शत्रु होता है। हम अपने मन को खुश रखे तो ज़िन्दगी और आसान एवं आनंदमय बन जाता है। थोड़ा सोचिये और खुद के साथ बातचीत कीजिये। गत बारह महीनें में आपके ख़ुशी के क्षण और उनकी वजह और उदासी के पल और उदासी के कारन। मैंने अपने लिए यह विश्लेषण किया है। और दो -तीन बातें मेरे सामने उभर कर सामने आई है। पहली बात बहुत सारे उदासी का कारन मैं खुद हूँ। मैं दूसरे के तरक्की पर उदास हूँ। क्योँ। क्योंकि मुझे लगता है वह इंसान उस तरक्की के काबिल नहीं है। वह लकी या खुश किसमत है। मैं कौन होता हूँ इस निष्कर्ष  पर पहुँचने का। इस वित्तीय वर्ष में हमारी वार्षिक आय उम्मीद से काफी कम रही। इस वजह से मैं उदास हूँ। परन्तु जब मैंने अपने जैसे औरों से बातचीत की तब मुझे यह महसूस हुआ कि मैंने औरों की अपेक्षा बेहतर किया है। थोड़ी ख़ुशी हुई। हमारा मानना है कि हम औरों के साथ अपना तुलना करके सबसे ज़्यादा असंतुष्ट होते हैं। यह एक व्यर्थ प्रयास है। इससे दूर रहिए। 

धन केवल तनख्वा या मासिक रोजगार ही नहीं है। कैसे हम अपने धन की वृद्धि करेंगे इसके लिए प्लानिंग करना आवश्यक होता है। कुछ इंसान केवल आज के लिए जीते हैं। उनका कहना है कि कल किसने देखा है। आज जी भर कर जीयो। मुझे ऐसे सोच से कोई असुविधा नहीं है। केवल इतना ही कहना है कि कल क्या होगा किसको पता परंतु कल के सफर के लिए रहना है तैयार। इसी में होशियारी है। ऐसा कोई इंसान नहीं है जिसने अपनी ज़िन्दगी में उतार चढ़ाओ नहीं देखें हो। इसी लिए हमारे पूर्वज कन्या के विवाह के समय सोने के अलंकार को स्त्रीधन का दर्जा देते थे जिसका मूल्य सदा बढ़ता रहेगा और कठिन समय में पैसों की जरूरत को मिटा सकता है। अभी हमारे देश में निवेश और पैसों को बढ़ाने के कई तरीके हैं। केवल एकमात्र प्रलोभन से दूर रहना जरूरी है -तुरंत पैसा बढ़ाने के वादे करने वाले उपाय का। फिर तो यह जुआ का दर्जा ले लेता है। और हम सबको पता है कि जुआ इंसान को  सर्वनाश कर सकता है। 

चैन ,प्रगति और स्वास्थ का एक अनदेखा बंधन है। प्रगति के लिए बेचैनी आवश्यक है। परन्तु हद से ज्यादा बेचैनी स्वास्थ बिगाड़ सकती है। संतुलन बनाए रखना जरूरी है। एकमात्र उपाय है अपने प्रयास पर फोकस करना। परिणाम पर नहीं। क्योंकि परिणाम पर किसी का कण्ट्रोल नहीं है। परन्तु अपने प्रयास पर हर किसी का कण्ट्रोल है। प्रयास का क्वांटिटी और क्वालिटी दोनो पर नज़र रखना आवश्यक है। उदाहरण स्वरुप अगर डॉक्टर ने मुझे वजन घटाने के लिए हफ्ते में पाँच दिन ४५ मिनट का द्रुत वाक करने का निर्देश दिया है तो पाँच दिन ४५ मिनट चलना प्रयास का क्वांटिटी है। ४५ मिनट में हम कितना किलोमीटर चल रहें हैं प्रयास का क्वालिटी है। जितना ज़्यादा किलोमीटर चलेंगे उतना ही प्रयास का क्वालिटी बेहतर है। इस सन्दर्भ में आखरी बात उन अभिभावकों के लिए है जो कि अपने बच्चों के परीक्षा के रिजल्ट के लिए अपनों का और बच्चे का चैन न्योछावर कर देते हैं। अगर आपके टेंशन करने से रिजल्ट्स बेहतर हो जाएंगे तो फिर बच्चे को पढ़ कर परीक्षा की तैयारी नहीं करनी परती। आपका टेंशन ही उनके रिजल्ट्स बेहतरीन कर दिए होते। परन्तु ऐसा कभी नहीं होता है। बच्चे को प्रोत्साहित कीजिए पढ़ाई का आनंद लेने का। बच्चा सीखेगा और यही उसका ज़िन्दगी का सम्पद बनने वाला है। 

आपका यह वित्तीय वर्ष सफलता के साथ संपन हो यही दुआ रहेगी हमारी। अगला साल और बेहतर हो यही हमारी आशा रहेगी। फिर मिलेंगे अगले वित्तीय वर्ष में। खुश रहिये।