शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2024

Doc U Mantra Oct 24

नमस्कार। अक्टूबर के महीने में आपका स्वागत है। यह महीना त्यौहार का महीना है। नवरात्री , दूर्गा पूजा ,दशहरा, धनतेरस  और दिवाली के लिए आप सब को अग्रिम बधाई। त्यौहार तो आनंद और ख़ुशी के लिए होता है। परन्तु कुछ लोग इस आनंद से वंचित रहते हैं। कुछ आर्थिक कारण के वजह से अपने इच्छा अनुसार खरीदारी नहीं कर सकते हैं। और कुछ लोगों के पास सब कुछ होने के बावजूद खुश नहीं हैं क्योंकि मानसिक तनाव से भुगत रहें हैं। 

१९९२ साल में १० अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का दर्जा प्रदान किया गया है। हर साल मानसिक स्वास्थ्य के अलग -अलग विषय पर विशेषज्ञ चर्चा करते हैं और लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपायों का सलाह पेश करते हैं। मेरे ऑफिस के सहकर्मिओं ने इस अवसर पर ऑफिस के स्ट्रेस और उससे जुड़े मानसिक तनाव और उस तनाव से जूझने के लिए कुछ सुझाव इस लेख का मुख्य विशय है। इस विषय पर बहुत कुछ बोला और कहा जा सकता है। मैं केवल तीन विषय पर चर्चा करूँगा। 

पहली सच्चाई यह है कि हर इंसान का कोई ना कोई मानसिक तनाव होता है। ऐसा कोई इंसान नहीं है जिसके पेशे या काम में कोई तनाव नहीं है। अपने जीवन में कोई तनाव नहीं होगा सोचना ही मूर्खता है और तनाव का एक वजह भी बन जाता है। ज़िन्दगी में तनाव एक अभिन्न साथी है स्वीकार कर लीजिये। यह तनाव से जूझने का पहला कदम है। 

दूसरा कदम है तनाव का विश्लेषण। क्यों तनाव हो रहा है। तनाव का वजह क्या है।  क्या इस  वजह पर आपका कण्ट्रोल है। या नहीं। नया ग्राहक  मुझसे ख़रीदेगा या नहीं -इस पर मेरा कोई कण्ट्रोल नहीं है। परन्तु मैं ग्राहक को कन्विंस करने के लिए क्या बोल या दिखा सकता हूँ ,मेरे कण्ट्रोल में है। किसी भी विद्यार्थी का रिजल्ट कैसा होगा उसके कण्ट्रोल में नहीं है। परन्तु अच्छे रिजल्ट के लिए परीक्षा की तैयारी विद्यार्थी के कण्ट्रोल में है। उसका तनाव यह होना चाहिए कि मैं कैसे और बेहतर तैयारी कर सकता हूँ। 

हमारे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान कूल आजकल बहुत सारे वीडियो में दिख रहें हैं। ऐसे वीडियो में उन्होंने स्पष्ट कहा है कि उन्हें मैच के परिणाम पर कोई कण्ट्रोल नहीं था। परन्तु मैच को जीतने के लिए उनके वश में जो भी है उसको बेहतर करना ही उनका एकमात्र प्रयास रहा है। उनको हार जाने का कोई डर नहीं था। क्योंकि खेल में हारना और जीतना एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं। 

हमारा तीसरा कदम भी कप्तान कूल से प्रेरित है। अगर आप किसी और के तनाव का वजह बन सकते हो ,तो आपकी जिम्मेवारी और बढ़ जाती है। कर्मक्षेत्र में तनाव का सबसे प्रमुख वजह है काम में प्रदर्शन। अच्छा प्रदर्शन होने पर तनाव कम होता है। अगर आप इस लॉजिक से सहमत हैं तो केवल दो चीज़ों पर ध्यान दें। एक दूसरों से आप क्या उम्मीद रखते हैं उसकी समझ सही होनी चाहिए। और उनको आश्वाशन देना जरूरी है कि वो निडरता के साथ काम करें। प्रयास पर फोकस करें। परिणाम की चिंता ना करे। इसी कारण कप्तान कूल ने इतने युवा खिलाड़िओं को प्रोत्साहित करके उनको स्टार बना दिया। 

आप भी अपनी ज़िन्दगी से और ज़्यादा आनंद उठा सकते हैं। अगर आप अपने तनाव के वजह को समझ सकें और मैनेज कर सकें। इसी में आपका और आपके अपनों का मंगल है। आप सब को त्योहारों के लिए अग्रिम बधाई। खुश रहें। हम सबका मंगल हो।