शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025

नमस्कार। २०२५ के आखिरी महीनें में आप सब का स्वागत है। दिसंबर के महीने में हम आने वाले साल में और सफल होने का प्रयास करते हैं। उम्मीद है आप भी इस प्रस्तुति में लगे होंगे। मैंने सोचा की आने वाले समय को ख्याल में रखते हुए आप से आपकी तैयारी के विषय में कुछ बातचीत करूँ। 

आगे का समय काफी जटिल होगा। विश्व राजनीति ,बिज़नेस का हाल , ए आई का प्रभाव और बदलता हुआ काम का वातावरण एक ही दिशा में हमारा पथ दिखा रहा है। फुर्तिला होना अभी जरूरी नहीं ,मजबूरी है ,इस दुनिया में आगे बढ़ने के लिए। फुर्तिला बनने के लिए सबसे अच्छी प्रेरणा चीता से मिलता है। 

जब हम गति, चपलता और लक्ष्य पर केंद्रित रहने की बात करते हैं, तो प्रकृति में चीते से बेहतर उदाहरण शायद ही कोई हो। चीता केवल तेज़ नहीं होता—वह रणनीतिक, संतुलित, अनुशासित और अत्यंत जागरूक होता है। आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में करियर और प्रगति के लिए जो गुण आवश्यक हैं, वे सब हमें इस अद्भुत प्राणी से सीखने को मिलते हैं। हमारा प्रयास रहा है कि प्रकृति के सिद्धांतों को समझकर उन्हें जीवन और पेशे में लागू करना। आइए देखें कि चीता हमें कौन-से जीवन-परिवर्तनकारी सबक देता है।


1. लक्ष्य पर अटल फोकस 

चीते की सबसे बड़ी ताकत केवल उसकी गति नहीं, बल्कि उसका फोकस है। जब वह शिकार चुनता है, तो उसकी निगाह सिर्फ एक लक्ष्य पर टिक जाती है। इसी तरह, करियर में सफलता का पहला मंत्र है—स्पष्ट लक्ष्य निर्धारण
बहुत से लोग एक साथ कई दिशाओं में दौड़ने की कोशिश करते हैं, और परिणामस्वरूप कहीं भी पूर्णता नहीं पाते। चीता हमें सिखाता है कि एक समय में एक लक्ष्य पर पूरी ऊर्जा लगाओ।
अपने करियर में भी, यह तय करें कि आपका प्राथमिक लक्ष्य क्या है—कौशल विकास, प्रमोशन, करियर बदलना या व्यवसाय शुरू करना—और फिर उसी दिशा में लगातार आगे बढ़ें।


2. चपलता : बदलती परिस्थितियों में तुरंत ढलने की क्षमता

चीता केवल तेज़ नहीं दौड़ता, बल्कि ज़बरदस्त मोड़ भी ले सकता है। यह चपलता उसकी सफलता का आधार है।
आज की प्रोफेशनल दुनिया में भी agility यानी परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालना बेहद ज़रूरी है।
नई टेक्नोलॉजी, नए काम करने के तरीके, बदलती बाज़ार मांग—इन सबके साथ तालमेल बैठाना वही कर पाता है जो चीते की तरह लचीला हो।
अगर पुरानी सोच में अटक गए, तो तेज़ी से बदल रही दुनिया आपको पीछे छोड़ देगी।


3. प्रतिस्पर्धा को स्वीकार करना 

चीता जंगल में अकेला शिकारी होता है। उसे अच्छी तरह मालूम है कि हर शिकार ज़रूरी है, और हर प्रयास में पूरी ताकत लगानी होगी।
हम भी करियर में प्रतिस्पर्धा से बच नहीं सकते। लेकिन सीख यह है—प्रतिस्पर्धा से डरना नहीं, बल्कि उसे प्रेरणा का स्रोत बनाना है।
जिस तरह चीता दूसरों से नहीं, बल्कि अपने पिछले प्रयास से बेहतर होने की कोशिश करता है, हम भी खुद से मुकाबला करें।
सीखें, अभ्यास करें, सुधारें—और अपनी ही गति को हर बार थोड़ा बेहतर बनाएं।


4. फिटनेस और तैयारी 

चीता अपने शिकार से पहले अपनी ऊर्जा बचाकर रखता है। उसका शरीर, सांसों का नियंत्रण और मांसपेशियों की ताकत—सब संतुलित और तैयार रहती हैं।
हमारे लिए यह संदेश है कि उच्च प्रदर्शन के लिए शरीर और मन दोनों का फिट होना अनिवार्य है।
नियमित व्यायाम, अच्छे भोजन की आदत, पर्याप्त नींद और मानसिक शांति—ये करियर का बुनियादी आधार हैं।
थका, तनावग्रस्त या अस्वस्थ व्यक्ति चाहे कितना भी बुद्धिमान क्यों न हो, लंबे समय तक सफल नहीं रह सकता।


5. सही समय की पहचान 

चीता पूरे दिन नहीं दौड़ता। वह अवसर का इंतज़ार करता है—सही दूरी, सही पथ और सही क्षण।
करियर में भी, सही समय पहचानना महत्वपूर्ण है—कब नौकरी बदलनी है, कब नेतृत्व की भूमिका लेनी है, कब बोलना है और कब शांत रहना है।
सही निर्णय का सही समय आपके विकास को कई गुना तेज़ कर देता है।


6. छोटी दौड़, बड़ी जीत 

चीता लंबे समय तक लगातार नहीं दौड़ सकता। वह छोटी, लेकिन अत्यधिक प्रभावी दौड़ें लगाता है।
हम भी हर दिन 12 घंटे अधिकतम उत्पादक नहीं रह सकते।
इसलिए अपने काम को high-performance sprints में बांटें—
30–50 मिनट का फोकस्ड काम → छोटा ब्रेक → फिर नई ऊर्जा से अगला चरण।
यह तरीका आपकी कार्यक्षमता को चीते की गति जैसा बना देगा—तीव्र, सटीक और प्रभावी।


7. असफलता से तुरंत सीखना

शिकार हमेशा सफल नहीं होता। लेकिन चीता निराश नहीं होता; वह अपनी रणनीति बदलकर फिर से प्रयास करता है।
करियर में भी असफलता अंत नहीं—सुधार का अवसर है।
गलतियों का विश्लेषण करें, सीखें और दोबारा प्रयास करें।


 चीते जैसा बनें

  • लक्ष्य एक, फोकस अटल।

  • सोच में चपलता, हर बदलाव के लिए तैयार।

  • प्रतिस्पर्धा से दोस्ती, डर नहीं।

  • शरीर और मन की मजबूती सर्वोपरि।

  • सही समय पर सही कदम।

  • छोटी लेकिन शक्तिशाली कोशिशें।

  • हर असफलता को अगली सफलता की रणनीति बनाना।

जीवन और करियर की दौड़ में सबसे तेज़ वही है जो स्पष्ट सोच, संतुलित ऊर्जा और सटीक निर्णय लेकर आगे बढ़ता है। चीता हमें यही मंत्र देता है—तेज़ नहीं, सही दिशा वाली तेज़ी मायने रखती है।