शुक्रवार, 3 मार्च 2017

कैसा रहा जनवरी का महीना ? कुछ सोचा है आपने अपने विषय में ,इस नए साल के अवसर पर ? कोई संकल्प किया है तरक्की का ? मैंने किया है , अपने आप से। मैं इस साल के शुरू से अपने समय का बेहतर प्रयोग करने का कोशिश कर रहा हूँ। कुछ हद तक सफलता भी मिली है। काफी तरक्की करनी पड़ेगी ,अभी भी। अपने इस प्रयास के विषय में अगले महीने के इस लेख में लिखुंगा। इस बार ज़िक्र करना चाहता हूँ एक इंसान के संकल्प के विषय में। इस फिल्म ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। सोचने और सीखने में मजबूर किया है।
एक पिता का संकल्प अपने बेटी के माध्यम से देश के लिए स्वर्ण पदक। यह सत्य घटना पर आधारित है। मेरा प्रणाम उस पिता को ;उनके बेटियों को ; और जिसका भूमिका बहुत ही अहम् रहा है बेटियों की माँ को। हमने काफी कुछ सीखा है आप लोगों से जो की आज के कर्म जीवन में सफलता पाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। धन्यवाद तहे दिल से। ग्रहण कीजियेगा और मेरे जैसे आम लोगों के लिए हर वक़्त एक मिसाल बन कर रहिएगा।
मैंने कई सारी बातें सीखी हैं। दस महत्वपूर्ण सीख का जिक्र करूँगा। आपने अगर और सीखा है ,फेसबुक के माध्यम से मुझे जरूर बताइएगा।

  1. डर पर विजय पाना होगा -कोई भी नए प्रयास के लिए अपने दिल से डर को निकाल फेकना होगा। 'कुछ तो लोग कहेंगे ,लोगो का काम है कहना '-चाहे दुनिया भी कहे आपको अपने विश्वास पर कायम रहना पड़ेगा। यह तब और जरूरत है , जब आप ऐसा कुछ प्रयास कर रहें है जो किसीने पहले कभी नहीं किया हो। जैसे बेटियों का कुश्ती के अखाड़े को अपनाना। 
  2. डिसिप्लिन -इसके बारे में मैंने पिछले कई लेखों में ज़िक्र किया है। डिसिप्लिन के बिना कोई सफलता नहीं मिल सकती है। इस फिल्म ने डिसिप्लिन का एक नया मापदंड दिया है -त्याग का। और लोगों से आगे रहने के लिए कई आराम और आनंद देने वाले चीज़ों की क़ुरबानी देनी पड़ेगी। आज हमारे भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान इसके सबसे उत्कृष्ट मिसाल हैं। 
  3. सही और गलत का सठीक निर्णय -बेटियों ने अपने पापा को समझाने के लिए काफी सारी कठिनाईयों का कारण पेश किया। स्कूल में अन्य बच्चो का टिप्पणी ;मोहल्ले में लोगों का पर हँसना ; लंबे बालों का अखाड़े का मिट्टी के कारण गंदा हो जाना। पापा ने और सब चीज़ों को नज़रंदाज़ किया। केवल बाल कटवा दिए। 
  4. कोई भी आपकी ज़िन्दगी में नई मोर ला सकता है -आपको सजग रहना पड़ेगा। सुनना पड़ेगा। याद है बेटियों की दोस्त की शादी ?यहाँ दो बेटियाँ परेशान थी अपने पापा के तानाशाही से; उनके कठीन संकल्प से बेटियों को सफल कुश्तीगीर बनाने का ; और नई नवेली दुल्हन दुखी थी क्योंकि उनके पापा ने केवल उनकी जल्दी शादी की ही प्रयास की थी। यही अहसास दोनों बेटीयों के जिंदगी का सबसे अहम् मोड़ बन गया। इसके बाद उनका संकल्प उनके पिता के संकल्प के साथ जुड़ गया। आपके जिंदगी में कोई ऐसा मोड़ आया है , अब तक ?
  5. गंतव्य के निर्धारण के साथ -साथ वहाँ तक पहुँचने का सफर भी तय कर लेना चाहिए -कई बाधाएं आयेंगी सफर के दौरान। निराशा इस सफर का एक अभिन्न अंग है। मंजिल तक वही पहुँचता है जो कि रास्ते में आए कठिनाई का हौसले के साथ सामना करता है ;गलतियों से सीखता है -मुर्झा नहीं जाता है और अपने विश्वास पर अटूट रहता है। संकल्प ही नाव को किनारे तक पहुँचाता है। 
  6. दूसरोँ का साथ जरूरी है -चाहे वह माँ का निस्वार्थ साथ हो या मुर्गी बेचने वाले का व्यवसायिक निर्णय। साथ वही निभाता है जो आपके काबिलियत पर विश्वास करता है। आपके सफलता से उसका क्या ताल्लुक है ?
  7. हट के सोचना जरूरी है -समाधान ढूढ़ने के लिए। गद्दा तो गद्दा ही होता है जी !ना मिल सके तो क्या हुआ -फ़ोन पर भी तो कोचिंग हो सकता है। ईरादा सठीक है तो समाधान जरूर मिल जाएगा। अलग सोच में अकसर समाधान छुपा रहता है। 
  8. जिनके पास क्षमता है उनसे दुशमनी लेने से कोई फायदा नहीं होता है -जिनके पास आपसे ज्यादा क्षमता है उनका अगर दिल चाहे तो आपके रास्ते का काँटा जरूर बन सकते हैं। आपके मंजिल तक पहुँचने के लिए ऐसा कुछ मत कीजिये जो कि आपको अपने मार्ग से भटका दे। ऐसा मेहनत बेकार है और आपको अपने मंजिल तक पहुँचने से वंचित कर सकता है। 
  9. निर्णय आपका ,जिम्मेवारी आपकी -अकसर जिंदगी में आपके चाहने वाले , आपके श्रद्धेय ऐसी सलाह देतें हैं जो कि एक दूसरे के विपरीत हैं। दोनों आपका भला और सफलता चाहते हैं। जैसे फिल्म में पिताजी और कोच में सोच अलग था। सलाह कोई भी दे सकता है। निर्णय आपको लेना होगा। और उस निर्णय के फलस्वरूप नतीजे की जिम्मेवारी आपकी होगी। 
  10. डूबते को तिनके का सहारा नहीं भी मिल सकता है -खुद को डूबने से बचाना पड़ेगा। हम इस दुनिया में अकेले आए हैं और हमें जिंदगी में सफलता पाने के लिए हर कठिनाई का सामना खुद करना पड़ेगा। अपने अंतिम शक्ति तक। पूरी ज़िद के साथ। नहीं तो हम सफर में आए हुए कठिनाईयों के नीचे दब जाएंगे। 
क्या आप मुझसे सहमत है ?फिल्म देखी है आपने ?अगर नहीं तो जरूर देखिए। ऐसी फिल्म कदाचित बनती है। क्या पता इस फिल्म के प्रभाव से आपका ज़िन्दगी एक नया मोड़ ले। चलिए ना ,ना चले हुए पथ पर। शायद आपने खुद को अब तक पूरी तरह पहचाना ना हो ! आपका इंतज़ार करूँगा फेसबुक पर। 

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