शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022

नमस्कार। २०२३ के लिए बधाई और शुभकामनाएँ। हर किसी का मंगल हो इसी का प्रार्थना है ऊपर वाले के पास। सब अच्छा चल रहा था। परन्तु पिछले वर्ष के अंत में फिर कोरोना का वापस आना हमें सतर्क रहने का आह्वान कर रहा है। मेरे लिए इस नए साल का सबसे महत्वपूर्ण संकल्प या रेसोलुशन है कि मैं घर से बाहर मास्क पहनूँगा और भीड़ से दूर रहूँगा। सैनिटाइज़र वापस जेब में और निरंतर हातों की सफाई। आप से भी अनुरोध करूँगा कि घर से बाहर मास्क का प्रयोग अवश्य कीजिये। 

संकल्प या रेसोलुशन से एक ख्याल आता है। हम पहले जनवरी को ही क्यों संकल्प लेते हैं। और हम उस संकल्प पर कितने दिन डटे रहते हैं। क्यों हमारा संकल्प टूट जाता है। कभी आपने इन मुद्दों पर विचार किया है। आज इन विषयों पर कुछ सोच पेश करूँगा। 

हम पहले जनवरी के दिन ही क्यों अपना संकल्प बनाते हैं। मेरा सोच है कि हम एक नई शुरुआत करते हैं। परन्तु हर नया दिन हम सब के लिए हुए अवशिष्ट बचे हुए ज़िन्दगी का पहला दिन होता है। कल क्या होगा किसी को नहीं पता। अगर आप इस नजरिये से ज़िन्दगी को देखो तब हर रोज़ आप नए संकल्प कर सकते हो। 

मेरा तजुर्बा कहता है कि शुरू के कुछ दिन हम संकल्प पर डटे रहते हैं। फिर धीरे धीरे हम ढील देना शुरू करते हैं। और कुछ दिनों बाद हम अपने संकल्प से दूर चले जाते हैं। ऐसा आप के साथ होता है। इसका मूल वजह क्या होता है। शुरुआत से शुरू करते हैं। जरा सोचिए हम किस विषय पर संकल्प बनाते हैं। जो हम आसानी से हासिल कर सकते हैं उस पर हम संकल्प नहीं बनाते हैं। हम संकल्प या प्रतिज्ञा उन विषयों पर करते हैं जो हम करना चाहते हैं परन्तु कर नहीं पाते हैं। जो कि आसान नहीं होता है। जिसको हासिल करने के लिए एक मानसिक दृढ़ता आवश्यक होता है। एक फोकस जरूरत होता है। संकल्प हमारे लिए फायदेमंद है। यह हम जानते हैं। परन्तु फिर भी हमें जो करना चाहिए या ना चाहिए ,हम कर नहीं पाते हैं। उदाहरण स्वरुप जो लोग धूम्रपान करते हैं उनको पता होता है कि धूम्रपान कितना हानिकारक होता है स्वास्थ के लिए। ऐसे लोग धूम्रपान को त्याग करना चाहते हैं परन्तु अनेक चेष्टा के बावजूद असफल होते हैं। मैंने अपने जीवन कई ऐसे लोगों को देखा है जिन्होंने कुछ दिनों के लिए या कुछ वर्षों के लिए धूम्रपान छोड़ दिया है। और अचानक वापस धूम्रपान करने लगते हैं। ऐसा हमारे मानसिक ढील देने के कारन होता है। एक आध सिगरेट कभी कभी वापस आदत बन जाता है। 

मैंने एक उपाय निकाला है अपने संकल्प पर डटे रहने के लिए। साधारण उपाय है। हर रोज सुबह तय कर लो कि आज क्या करना या ना करना है अपने संकल्प को बरक़रार रखने के लिए। तब तक करते रहना है जब तक आदत ना बन जाए। इसी प्रयास ने मुझे धूम्रपान रोकने में सहायता किया है। तीस साल पहले मुझे बारह महीनों तक इस दैनिक संकल्प ने मुझे हर सुबह यह बताया है कि आज सिगरेट नहीं पीना है। और हर रात सोने के पहले मैं खुद को शाबाशी देता था कि आज मैं अपने संकल्प को बरक़रार रखने में सफलता पाई है। तब से अब तक मैंने एक भी सिगरेट नहीं पी है। क्यूंकि मुझे पता है कि एक कश भी मुझे वापस इस खतरनाक नशे के पास पहुँचा देगा। यह हुई संकल्प की बात। 

कैसा लगा आज का लेख। क्या आपको संकल्प करने और उसे निभाने में सहायता मिलेगा। क्या होगा संकल्प इस साल। मुझे जरूर बताएं फेसबुक के माध्यम से। आपका सफर स्वास्थ्पूर्ण और मंगलमय हो इसी के लिए दुआ है मेरी। मिलते रहेंगे हर महीने आपके साथ इस नए साल में। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें