शुक्रवार, 30 अगस्त 2024

नमस्कार। सितंबर का महीना। वित्तीय वर्ष का छटा महीना। व्यवसाय और विद्यार्थिओं का आधा साल समाप्त हो रहा है। कैसा चल रहा है आपका समय। अच्छा ,बुरा , या मोटामोटी। अगर आप विश्व के परिस्थितिओं का विश्लेषण करें तो एक अनिश्चित समय से हम गुज़र रहें हैं। इसका प्रभाव हमारे ज़िन्दगी पर विराजमान है। और ऐसा समय हमें बहुत कुछ सिखाता है। परन्तु हम जीते हैं उम्मीद के साथ। मजे की बात यह है कि हमें यह पता नहीं कि कल क्या होने वाला है। परन्तु हम सब एक बेहतर कल की उम्मीद में जीते हैं। यही है ज़िन्दगी का सफर। यहाँ कल क्या हो किसने जाना -किशोर कुमार जी एक मशहूर गाने के बोल इसी बात का ज़िक्र करते हैं। 

सुख और दुःख एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। हर इंसान यह चाहता है कि ज़िन्दगी आसान रहे। परन्तु ऐसा होता नहीं है। और कठिन समय पर विजय पाने वाले को हम सिकंदर कहते हैं।  हमें इस बात का भरोसा रखना है कि हर रात की एक सुबह होती है। कई लोग तो इस रात या कठिन समय का सदुपयोग करने में माहिर होते हैं। covid का समय याद है। हम लोगों ने कितनी नई चीज़ें सीखी। खाना बनाना , छोटे मोटे घर के लिए रिपेयर , कपड़े धोना , कुछ विषय जो कि फायदे का है जैसे डिजिटल मार्केटिंग। 

कठिन समय में तीन चीज़ों का सहारा लेना पड़ता है। पॉजिटिव सोच , खुद पर भरोसा , और कठिन समय का फायदा उठाने का प्रयास। अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रपति केनेडी ने बेहतरीन एक सलाह दी थी। कठिन समय या क्राइसिस एक छुपा हुआ मौका होता है। क्राइसिस से इस मौके को ढूढ़ना ही एक हिम्मतवाला का पेहचान है। 

आप अगर कई खिलाड़ियों के सफर का अध्यन  करें तब आपको यही नज़र आएगा। इस टी २० विश्वकप के जीतने के बाद हमारे प्रधानमंत्री के साथ टीम के चरचा के कई वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। इस वीडियो आपने हमारे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ को यह कहते हुए सुना होगा कि उनके ख़राब फॉर्म के कारण उनको अपने आप पर और अपनी काबिलियत पर संदेह होने लगा था। परन्तु फाइनल में उन्हें मैन ऑफ़ द मैच पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन्होंने यह समझाया अपने आप को कि मैं कौन हूँ इस अहँकार से बाहर निकलना पड़ा और सफलता प्राप्त हुई उनको। उन्होंने उस कठिन घड़ी में उनके कप्तान और कोच का उन पर भरोसा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। 

जरा सोचिये इसी क्रिकेट खिलाड़ी का विश्व रेकॉर्ड है कठिन स्थिति में बल्लेबाज़ी करके टीम को जीत दिलवाने का। और यही कठिनाई में थे। सफल इंसान कठिनाई का सामना करके सफल होता है तो वह इंसान सिकंदर कहलाता है। G E कंपनी का ग्लोबल चेयरमैन जैक वेल्श ने दो ऐसे निर्णय लिए थे जो कि मैनेजमेंट स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल हो गए थे। 

दोनों दिलचस्प घटनाएँ हैं। पहली घटना में उन्हें एक कंपनी का C E O नियुक्त करना था। दो बेहतरीन उमीदवार थे जिनमे एकेडेमिक्स ,तजुर्बा और कैरियर ट्रैक रेकॉर्ड में कोई फर्क नहीं था। सिवाय एक उमीदवार अपने कैरियर में तीन बार असफलता का सामना कर चुका था। और दूसरे ने कभी असफलता का सामना नहीं किया। जैक वेल्श ने किसको चुना। जो तीन बार असफलता का सामना कर चुका है। क्योंकि उसे असफल हो कर सफल बनने का तजुर्बा है। सफलता और असफलता हमें सीखाता है। अगर हम सीख सके। 

जैक वेल्श का दूसरा निर्णय मैनेजमेंट के शिक्षा में एक मिसाल बन गया है। उनका कहना है कि परफॉरमेंस किसी भी इंसान के वजह से है या उसके बावजूद है इसका समझना आवश्यक है। इस प्रयोग में उन्होंने G E कंपनी के उस C E O को ज़्यादा नंबर और बोनस दिया जिसका बिज़नेस सबसे कठिन समय से गुज़रा है। उनका कहना था कि कंपनी के बाहर की स्तिथि प्रतिकुल या अनुकुल होगा यह किसी के हाथ में नहीं है। परन्तु प्रतिकुल परिस्थिति से जुझकर परफॉर्म करना एक लीडर का परिचय है। 

समय कठिन होने पर निराश मत हो जाईये। हौसला ,धैर्य ,खुद पर विश्वास आपको इस समय से गुज़रने में आपका साथी है। सफलता हासिल होने पर भी विश्लेषण कीजिए सफलता के कारणों का। यही सीख आप को कठिन समय में मदत करती है। और सीखना ही ज़िन्दगी का तजुर्बा है। 

इस महीने शिक्षक दिवस के अवसर पर यही सीखने का वादा अगर हम खुद से कर ले ,तो ज़िन्दगी जीने में सबसे ज़्यादा सुविधा होगी। खुश रहिए क्योंकि दुखी होना सबसे आसान है।  

गुरुवार, 1 अगस्त 2024

 नमस्कार। अगस्त का महीना। साल का दूसरे हाफ का पहला महीना। हमारे देश के लिए स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट करने का महीना। १९४७ साल में अंग्रेज़ो के जाने के बाद हमारे लीडर का देश के संचालन के बागडोर को संभालना। ऐसे समय को हम अंग्रेजी में ट्रांजीशन के नाम से जानते हैं। यह ज़िन्दगी का एक अहम सत्य है -ट्रांजीशन। जो कि बीते हुए समय को वर्तमान के जरिए भविष्यत के लिए तैयार करता है। यह अनिवार्य है। और इस ट्रांजीशन को मैनेज करना आसान नहीं है। आज का लेख इस ट्रांजीशन को मैनेज करने के विषय में है। 

ट्रांजीशन कई किस्म के होते हैं। जैसे अंग्रेज़ो का चला जाना हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण ट्रांजीशन था। व्यवसाय में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को जिम्मेवारी सौंपना ट्रांजीशन है। बढ़ते हुए बच्चोँ का टीन्स में प्रवेश करना हर इंसान के ज़िन्दगी का सत्य है। स्कूल से कॉलेज ,कॉलेज से नौकरी ,नौकरी से रिटायरमेंट ; अविवाहित से विवाहित, विवाहित से पेरेंट्स बनना -सभी ट्रांजीशन के उदाहरण हैं जिनसे हम सब गुजरते हैं। ट्रांजीशन से गुजरने के लिए तीन चीज़ों का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक है जो कि हर किस्म के ट्रांजीशन के लिए जरूरी है। 

मानसिक तैयारी। ट्रांजीशन एक परिवर्तन का समय है। अक्सर हमें ट्रांजीशन को प्लैन करने का समय मिलता है। कभी कभी अकस्मात घटनाओँ के वजह से नहीं भी मिलता है। उन परिस्थितिओं में मानसिक तैयारी करने का मौका नहीं मिलता है। ऐसे अकस्मात घटनाएं किसी के कण्ट्रोल में नहीं है। इसे स्वीकार कर लेना जरूरी है। परन्तु जहाँ आपको ट्रांजीशन के विषय में अग्रिम जानकारी है ,वहाँ मानसिक तैयारी आवश्यक है। यह तैयारी है छोड़ने और स्वीकार करने की तैयारी। आज को कल से रिप्लेस करना। सबसे पहले अपने दिमाग में। 

स्टार्ट ,स्टॉप ,कंटिन्यू -शुरू करना ,बंद करना ,करते रहना। इस ट्रांजीशन को मैनेज करने के लिए हमें क्या शुरू करना पड़ेगा ,क्या हम करते थे उसे बंद करना पड़ेगा और हम क्या करते थे जिसे बरक़रार रखना पड़ेगा। स्कूल से कॉलेज में दाखिल होते हुए विद्यार्थी के ट्रांजीशन के विषय में सोचिये। पढ़ाई की शुरुआत जब स्कूल में होती है तब हम सब के पास कोई तजुर्बा नहीं होता है ज़िन्दगी का। बहुत से बच्चे स्कूल के शुरू के दिनों में रोतें हैं क्योंकि घर के बाहर कुछ समय रहना हमारे जीवन का अक्सर पहला ट्रांजीशन होता है।  परन्तु हम बहुत आसानी से दूसरे बच्चों के साथ घुल मिल जाते हैं और अधिकतर बच्चे आसानी से दोस्त बन जाते हैं। कॉलेज में ऐसा नहीं होता है।  हम हर किसी का दोस्त नहीं बनते हैं। स्कूल के सख्त डिसिप्लिन के बाद कॉलेज में एक तरह के स्वाधीनता का अनुभव होता है। अगर हम बहक गए तब हमारा ही नुकसान होगा। 

सेल्फ डेवेलपमेंट। ट्रांजीशन एक परिवर्तन है जो कि अक्सर अनिवार्य है। परिवर्तन के लिए खुद को तैयार करना आवश्यक है। मैंने कंप्यूटर के साथ काम करना नौकरी मिलने के बाद शुरू किया। यह मेरे पीढ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रांजीशन था। मुझे कंप्यूटर पर कैसे काम करना पड़ता है सीखना पड़ा। इस सेल्फ डेवेलपमेंट के बिना क्या मैं सफल हो पाता। हर्गिज़ नहीं। परिवर्तन ट्रांजीशन का अहम् हिस्सा है। इसको स्वीकार किये बिना ट्रांजीशन संभव नहीं है। 

आप इस वक़्त अपने जीवन में किस ट्रांजीशन से गुज़र रहें हैं ? अगर मेरा यह लेख आपके इस ट्रांजीशन में सहायता कर सके तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी। फेसबुक के माध्यम से जरूर सूचित कीजिएगा। आपको स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं और रक्षा बंधन के लिए भाई बहनों को ढेड़ सारा प्यार। खुश रहिएगा।