गुरुवार, 1 अगस्त 2024

 नमस्कार। अगस्त का महीना। साल का दूसरे हाफ का पहला महीना। हमारे देश के लिए स्वतंत्रता दिवस सेलिब्रेट करने का महीना। १९४७ साल में अंग्रेज़ो के जाने के बाद हमारे लीडर का देश के संचालन के बागडोर को संभालना। ऐसे समय को हम अंग्रेजी में ट्रांजीशन के नाम से जानते हैं। यह ज़िन्दगी का एक अहम सत्य है -ट्रांजीशन। जो कि बीते हुए समय को वर्तमान के जरिए भविष्यत के लिए तैयार करता है। यह अनिवार्य है। और इस ट्रांजीशन को मैनेज करना आसान नहीं है। आज का लेख इस ट्रांजीशन को मैनेज करने के विषय में है। 

ट्रांजीशन कई किस्म के होते हैं। जैसे अंग्रेज़ो का चला जाना हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण ट्रांजीशन था। व्यवसाय में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को जिम्मेवारी सौंपना ट्रांजीशन है। बढ़ते हुए बच्चोँ का टीन्स में प्रवेश करना हर इंसान के ज़िन्दगी का सत्य है। स्कूल से कॉलेज ,कॉलेज से नौकरी ,नौकरी से रिटायरमेंट ; अविवाहित से विवाहित, विवाहित से पेरेंट्स बनना -सभी ट्रांजीशन के उदाहरण हैं जिनसे हम सब गुजरते हैं। ट्रांजीशन से गुजरने के लिए तीन चीज़ों का ख्याल रखना अत्यंत आवश्यक है जो कि हर किस्म के ट्रांजीशन के लिए जरूरी है। 

मानसिक तैयारी। ट्रांजीशन एक परिवर्तन का समय है। अक्सर हमें ट्रांजीशन को प्लैन करने का समय मिलता है। कभी कभी अकस्मात घटनाओँ के वजह से नहीं भी मिलता है। उन परिस्थितिओं में मानसिक तैयारी करने का मौका नहीं मिलता है। ऐसे अकस्मात घटनाएं किसी के कण्ट्रोल में नहीं है। इसे स्वीकार कर लेना जरूरी है। परन्तु जहाँ आपको ट्रांजीशन के विषय में अग्रिम जानकारी है ,वहाँ मानसिक तैयारी आवश्यक है। यह तैयारी है छोड़ने और स्वीकार करने की तैयारी। आज को कल से रिप्लेस करना। सबसे पहले अपने दिमाग में। 

स्टार्ट ,स्टॉप ,कंटिन्यू -शुरू करना ,बंद करना ,करते रहना। इस ट्रांजीशन को मैनेज करने के लिए हमें क्या शुरू करना पड़ेगा ,क्या हम करते थे उसे बंद करना पड़ेगा और हम क्या करते थे जिसे बरक़रार रखना पड़ेगा। स्कूल से कॉलेज में दाखिल होते हुए विद्यार्थी के ट्रांजीशन के विषय में सोचिये। पढ़ाई की शुरुआत जब स्कूल में होती है तब हम सब के पास कोई तजुर्बा नहीं होता है ज़िन्दगी का। बहुत से बच्चे स्कूल के शुरू के दिनों में रोतें हैं क्योंकि घर के बाहर कुछ समय रहना हमारे जीवन का अक्सर पहला ट्रांजीशन होता है।  परन्तु हम बहुत आसानी से दूसरे बच्चों के साथ घुल मिल जाते हैं और अधिकतर बच्चे आसानी से दोस्त बन जाते हैं। कॉलेज में ऐसा नहीं होता है।  हम हर किसी का दोस्त नहीं बनते हैं। स्कूल के सख्त डिसिप्लिन के बाद कॉलेज में एक तरह के स्वाधीनता का अनुभव होता है। अगर हम बहक गए तब हमारा ही नुकसान होगा। 

सेल्फ डेवेलपमेंट। ट्रांजीशन एक परिवर्तन है जो कि अक्सर अनिवार्य है। परिवर्तन के लिए खुद को तैयार करना आवश्यक है। मैंने कंप्यूटर के साथ काम करना नौकरी मिलने के बाद शुरू किया। यह मेरे पीढ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण ट्रांजीशन था। मुझे कंप्यूटर पर कैसे काम करना पड़ता है सीखना पड़ा। इस सेल्फ डेवेलपमेंट के बिना क्या मैं सफल हो पाता। हर्गिज़ नहीं। परिवर्तन ट्रांजीशन का अहम् हिस्सा है। इसको स्वीकार किये बिना ट्रांजीशन संभव नहीं है। 

आप इस वक़्त अपने जीवन में किस ट्रांजीशन से गुज़र रहें हैं ? अगर मेरा यह लेख आपके इस ट्रांजीशन में सहायता कर सके तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी। फेसबुक के माध्यम से जरूर सूचित कीजिएगा। आपको स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं और रक्षा बंधन के लिए भाई बहनों को ढेड़ सारा प्यार। खुश रहिएगा। 

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