गुरुवार, 3 अप्रैल 2025

नमस्कार। अप्रैल के महीनें में आपका स्वागत। कई प्रदेश के लिए इस महीनें में नए साल का शुभारम्भ होगा ,उसके  लिए बधाई। व्यवसाय के लिए नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में नए टार्गेट्स और संभावनाओं के साथ प्लानिंग और जोश के साथ आगे बढ़ने का हौसला और विश्वास। 

ऐसी ही एक शुरुआत हुई थी १४ अप्रैल १९१२। टाइटैनिक जहाज़ का सफर। इतिहास कहता है कि टाइटैनिक इंजीनियरिंग का एक अजूबा था। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसा जहाज़ ना इसके पहले बना था और भविष्य में भी ऐसा जहाज बनाना कठिन होगा। फिर क्या हुआ। टाइटैनिक पर बनी फिल्म करोड़ो का मुनाफ़ा कमा कर प्रसिद्ध हो गई। आप और हमने भी इस फिल्म को देखा होगा। फिल्म लव स्टोरी का एक मिसाल बन गई। परन्तु टाइटैनिक तो अपने पहले सफर में ही डूब गया। कुछ लोगों का सोच है कि टाइटैनिक डूब जाने के कारन और प्रसिद्ध हो गया। 

पर टाइटैनिक डूबा क्यों। एक मात्र वजह है अहँकार। यह सोचना कि हम अजेय हैं ,हमारा कुछ नहीं हो सकता है ,कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। यही अहंकार हम सब का सबसे निजी दुश्मन है। हिंदी फिल्मों में विलन इसी कारन हीरो से पराजित हो जाता है। 

व्यवसाय कि दुनिया में ऐसे कई मिसाल है। अपने पड़ोस के मार्केट में आपको कई ऐसे दुकान मिलेंगे जो कि दो-तीन पीढ़ियों के बाद बंद हो जाते हैं। इसी दुकान पर एक समय ग्राहक कतार में खड़े होकर खरीदारी करते थे। बाजार और दुकानदार उनसे और उनकी कमाई पर ईर्ष्या करते थे। मैंने अपने रिश्तेदारों में ऐसा होते हुए देखा है। उनके पतन का मुझे तीन कारन दिखे हैं। पहला -अच्छा चल रहा है चलता रहेगा हमेशा। दूसरा -हमारे ग्राहक हमारे अलावा किसी और के पास नहीं जा सकता है। तीसरा -पहली पीढ़ी अपने मेहनत से व्यवसाय शुरू करती है, दूसरी पीढ़ी उसको और आगे बढ़ाकर मजबूत बनाती है ,तीसरी और उसके बाद आने वाली पीढ़ी व्यवसाय के विषय में आलसी और मस्ती करने में ज़्यादा मेहनत करती है। 

समय के साथ बदलते रहना व्यवसाय में टिके रहने के लिए अति आवश्यक है। और यहीं पर अपने आपको अजेय समझने वाले व्यवसाय गलती कर बैठते हैं। आपने तो नोकिआ मोबाइल फ़ोन के विषय में जरूर सुना होगा। शायद आपका शुरू के दिनों का मोबाइल फ़ोन भी नोकिआ ही रहा होगा। शुरू के दिनों में हमारे देश में दस में से सात लोग नोकिआ इस्तेमाल करते थे। परन्तु नोकिआ ने android के परिवर्तन को नज़र अंदाज़ किया। परिणाम क्या हुआ ? नोकिआ मार्केट के राजा से रंक बन गया। 

इसी महीने अमीरीकी राष्ट्रपति ने आयात -निर्यात के टैरिफ पर कई सारे निर्णय लिए हैं जिसके कारन सारे मुल्कों के अर्थनीति पर गंभीर प्रभाव पर सकता है। क्या यह कुछ देशों के लिए टाइटैनिक क्षण होगा। समय ही इसका जवाब देगा। अगर आप व्यवसाय में हो या नौकरी में हो ,आगे का समय कठिन ,परन्तु रोमांचकार होगा। टिके रहने के लिए बदलना और बदलाव दोनों आवश्यक है। यही ,इस वित्तीय साल का खासियत रहेगा। 

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