शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

बारिश का प्रकोप हमारे देश के अलावा इस वक़्त अमेरिका में भी बहुत भयंकर है। काफी नुकसान पहुँचा है लोगों को और उनके संपत्ति को। जिन लोगों को असुविधा हुई है उनको अब महसूस होता है दुसरों पर क्या बीती होगी ऐसी परिस्थितयों में। हम अक्सर दूसरों के दुःख या कठिनाई को तब महसूस करते हैं जब हम खुद उस कठिनाई से गुजरते हैं।
हर इंसान खुश रहना चाहता है। हम कोशिश करते हैं कि हम वैसा सब कुछ करें जो कि हमें खुशियां दे। परन्तु क्या हम खुश हैं ? शायद नहीं। इसी कारण आज और अगले कई महीनो में मैं चर्चा करूँगा कि हम और ज्यादा कैसे खुश रह सकते हैं ? मैं बात करूँगा प्रोफेसर बेन शहर का जो कि विश्व के प्रसिद्द हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाते हैं how to learn to be happier ? आंकड़ो के मुताबिक हार्वर्ड विश्वविद्यालय में जितने लोग पढ़ने आते हैं , उनमे से २० प्रतिशत लोग प्रोफेसर शहर का यह पाठ्यक्रम में जरूर दाखिला लेते हैं। प्रोफेसर के मुताबिक उनका क्लास ख़ुशी ,आत्मसम्मान और मोटिवेशन पर केंद्रित है। उनका विश्वास है कि इसके कारन विद्यार्थिओं को सफलता और आनन्द पाने में सुविधा होती है। प्रोफेसर को लोगों ने  'happiness गुरु ' का भी उपाधि दिया है।
प्रोफेसर अपने ज़िन्दगी को सुधारने के लिए और ज़िन्दगी में पॉजिटिव प्रभाव डालने के लिए १४ उपाय का ज़िक्र किया है। इस लेख में मैं पहले पाँच  उपाय का ज़िक्र करूँगा।  बाकि आगे के लेखों में।

  1. आपके पास जो है , जितना भी है , उसके लिए पहले ईश्वर को धन्यवाद दीजिए। एक कागज पर उन १० चीजों को लिख लीजिए जो कि आपको आनंद देता है। उन चीजों पर ज्यादा समय बिताइये और नज़र डालिए। इसी में आपका आनन्द बढ़ेगा। 
  2. शारीरिक चर्चा अवश्य कीजिए -रिसर्च कहता है कि शारीरिक एक्सरसाइज आपका मूड बेहतर करता है। तीस मिनट का एक्सरसाइज दुःख और स्ट्रेस को घटाता है।  यह प्रमाणित है। 
  3. सुबह का नाश्ता जरूर कीजिए -कुछ लोग समय के अभाव के कारन या मोटापा घटाने के उद्देश्य से ब्रेकफास्ट नहीं करते हैं। यह गलत करते हैं। रिसर्च कहता है कि ब्रेकफास्ट आपको एनर्जी देता है जो आपको सोचने में मदत करता है और आपको अपने काम को सफलता के साथ करने में मदत करता है।
  4. assertive बनिए -चाहिए जो आप चाहते हैं। कहिए जो आप सोचते हैँ। assertive होने से आपका आत्मसम्मान बढ़ेगा। चुप रहने से या किसी चाहते हुए चीज का हिस्सा ना बन सकने पर आपको आपको उदासी महसूस होती है। और हम उम्मीद और हौसला खो देते हैं। 
  5. तजुर्बा बढ़ाने के लिए पैसे खर्च कीजिए -७५ प्रतिशत लोग जिन्होंने निवेश किया है सफर करने में ताकि नए जगह और लोगों से सीख सके या कोई नए विषय का अध्ध्यन करें ;उन्हें ज़िन्दगी से अधिक आनन्द मिला है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हे चीज़ें खरीदने पर ज़्यादा आनंद महसूस हुआ है। 
काफी चीज़ें जिसका ज़िक्र प्रोफेसर ने किया है , हम करते हैं। प्रश्न जो हमें खुद से करना है कि हम अपना कितना समय इन चीज़ों पर देते हैं और कितना समय हम उन चीज़ों को देते हैं जिसके कारन हमें ख़ुशी नहीं मिलती है। पड़ोसी ने वही गाड़ी खरीदी है जो कि आपका सपना है। हम ईर्ष्या ज्यादा करते हैं नाकि खुश होते हैं उनकी सफलता पर। 
अगले महीने पाँच और उपाय प्रोफेसर के। तब तक केवल खुद का एक मूल्यांकन कीजिए आप assertive हैं या नहीं ?मेरा तजुर्बा कहता है कि हम अधिकतर लोग assertive नहीं है। बनना कठिन है। बन जाने पर ज़िन्दगी से अवश्य ज़्यादा आनंद मिलता है। कोशिश कीजिये। आप अपने आपको एक नए अंदाज़ से देखिएगा। यही ज़िन्दगी है। हर सुबह एक नई सुबह। खुद नए अंदाज़ में क्यों नहीं !

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