शुक्रवार, 1 दिसंबर 2017

नमस्कार। आशा है कि त्योहारों का मौसम अच्छा रहा आपके और अपनों के लिए। पिछले दो लेख में मैंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बेन -शहर के सलाह का ज़िक्र किया है जिन्होंने ज़िन्दगी से और खुश होने के १४  सलाह दिए हैं। इस लेख में अंतिम चार सलाह का ज़िक्र करूँगा। उन पाठकों के लिए ,जिन्होंने पिछला दो लेख ना पढ़ा हो ,मैं प्रोफेसर का प्रथम दस  सलाह को पेश कर रहा हूँ।
आपके पास जो भी है उसके लिए ईश्वर का शुक्रगुज़ार रहो। शारीरिक एक्सरसाइज रोज जरूरी है। दिन का सबसे महत्वपूर्ण है ब्रेकफास्ट। assertive बनना सीखें। अभिज्ञता अर्जन करने के लिए पैसे निवेश करना आवश्यक है। कठिनाई को नज़र अंदाज़ ना करके जल्द से जल्द सामना करें -जितनी देर कीजिएगा उतनी तकलीफ होगी। अपने आस पास अपने खुशियों के समय का वातावरण तैयार कीजिए। अन्य लोगों के साथ अच्छे से पेश आईये और मुस्कुराइए। जूते ऐसा पहनिए ताकि आपके पैरों में दर्द ना हो ,अन्यथा आपके मूड पर बुरा प्रभाव रहेगा। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें। आपको खुद पर ज़्यादा कॉन्फिडेंस मिलेगा। लोग आप पर ज़्यादा भरोसा करेंगे।
पेश है अंतिम चार सलाह। संगीत हमारी ज़िन्दगी का अहम् हिस्सा है। आप ऐसा किसी को जानते हो जो कि संगीत से नफरत करता है ? मैं मिला हूँ कुछ लोगों से जो कि संगीत से नफरत नहीं करता है लेकिन जिनमे संगीत का आनंद लेने का कोई दिलचस्पी नहीं है। शत प्रतिशत ऐसे लोग जिनसे मैं मिला हूँ अपनी ज़िन्दगी से दुखी हैं और उनको किसी चीज़ से ख़ुशी नहीं मिलती है। विज्ञानं कहता है कि गाना सुनते वक़्त हम अक्सर अपने साथ गुनगुनाते हैं। इस अपने आप के साथ गुनगुनाना एक अलग आनंद का अनुभव दिलाता है। संगीत दोस्त बनाने में भी बहुत मदत करता है। आप अकसर उन अजनबी से ज़्यादा करीब बन जाते हैं जिनका संगीत का चॉइस आपसे मिलता जुलता है। इसका तात्पर्य यह नहीं होता कि अगर मेरा म्यूजिक का टेस्ट आपसे अलग हो तो हमारी दोस्ती हो नहीं सकती। मेरा तो मानना है कि हम जितना अलग -अलग घराने का संगीत का आनंद उठा सकेंगे ,उतनी ही हमारी ज़िन्दगी में नएपन का अहसास होगा जो कि हमें और भी आनंद देगा।
आपका मूड आप क्या खातें हैं उस पर निर्भर करता है। हर तीन -चार घण्टे में थोड़ा -थोड़ा खाना लीजिए। इससे आपका ग्लूकोज़ लेवल बरक़रार रहेगा जो कि आपके मूड को ठीक रखेगा। मैदा और चीनी का कम इस्तेमाल कीजिए। यह भी ग्लूकोज़ बढ़ा देता है। ऐसा खाना लीजिए जो स्वास्थ के लिए फायदेमंद है। सब कुछ खाइये लेकिन संयम के साथ। तरह -तरह का खाना खाइये ताकि आप खाने से बोर ना हो जाए। ना बोर होना आनंद का कारन है।
खुद का ख्याल रखिए और अपने आप को अट्रैक्टिव महसूस कीजिये। रिसर्च के अनुसार ७० प्रतिशत लोग जो खुद में दिलचस्पी लेते हैं और अपने आप को आकर्षणीय मानते और महसूस करते हैं ; जिंदगी में खुश दिखते हैं। आकर्षणीयता के साथ आपके रूप का संबंध नही है। यह एक मानसिक स्टेट है। अगर आप गूगल के माध्यम से मेरी तसवीर को देखेंगे , तो आपको एक साधारण इंसान दिखेगा। परन्तु अगर आप मेरे चेहरे पर गौर कीजिएगा तो मुझमे एक कॉन्फिडेंस नज़र आएगा जो मेरा आकर्षण का कारन है। हम चेहरे के साथ जन्म लेते हैं ,लेकिन अपने चेहरे का प्रयोग हम पर निर्भर करता है।
अंत में ईश्वर पर विश्वास रखिए। उनके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है। खुशियाँ एक रिमोट कण्ट्रोल के तरह है। हर बार हम खुशियां खो देते हैं ,हम उसे ढ़ूढ़ने में पागल हो जाते हैं। कई बार ऐसा होता है हमें यही पता नहीं होता है कि हम खुद खुशियों पर विराजमान है लेकिन ख़ुशी ढूंढ रहे हैं। ऐसा हुया है कभी आपके साथ ? कब होता है ऐसा ?जब हम अपनी ख़ुशी को नज़र अंदाज़ करके दूसरों की ख़ुशी पर ईर्ष्या करते हैं। दूर का घास हमेशा ज़्यादा हरा दिखता है।
धन्यवाद प्रोफेसर बेन -शहर , हमारे ज़िन्दगी को और ख़ुशी के साथ जीने में मदत करने के लिए। आप खुश रहे और दूसरों को ख़ुशी से रहने दें। अगर आप मेरे साथ फेसबुक के माध्यम से मुलाकात करेंगे तो हमें बेहद ख़ुशी होगी। इंतेज़ार करूंगा। 

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