शनिवार, 3 जुलाई 2021

नमस्कार। पलक झपकते ही २०२१ के छह महीने गुज़र गए। अधिक समय हम लोग लोकडाउन की वजह से घर में गुज़ार रहें हैं। कुछ लोग घर से काम कर रहें हैं। कई लोगों को ऑफिस जाना पड़ रहा है। परन्तु अधिकतर ऑफिस पचास प्रतिशत कर्मचारिओं के उपस्थिति के साथ काम चला रही हैं। इसके कारण हमें रोज नहीं ,हर दूसरे दिन ऑफिस जाना पर रहा है। परन्तु अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारिओं को रोज अस्पताल जाना पड़ रहा है। उनमे से कई लोगों को ज़्यादा देर तक ड्यूटी भी करनी पर रही है। 

जुलाई महीने का पहला दिन डॉक्टर दिवस के तौर पर मनाया जाता है। तरह तरह के सम्मेलन और समारोह के माध्यम से डॉक्टर लोगों को सम्मानित किया जाता है। इस साल भी डॉक्टर लोग सम्मानित हुए हैं। परन्तु यह दो साल हम जैसे साधारण लोगों को डॉक्टर ,नर्स , और अस्पताल में काम करने वालों को अलग सलाम करना चाहिए।  उनके कारन हमारे कई दोस्त , परिवार के लोग , रिश्तेदार और सहकर्मी को वायरस पर विजय प्राप्त हुआ है वायरस के चपेट में आने के बाद।  अस्पताल से जुड़े हुए हर किसी को मेरा प्रणाम।  आप हर किसी का अवदान सर आँखों पर। आप की कहानी है भावनाओं के साथ कर्त्तव्य , जूनून , साहस , मेहनत और सबसे ऊपर हार ना मानने का ज़िद। आप लॉगऑन पर क्या बीती होगी या बीत रहे उसका अंदाज़ हम जैसे साधारण इन्सान शायद अनुभव भी नहीं कर पा रहें।  शारीरिक थकान के साथ साथ मानसिक तनाव का मिश्रण काफी कठिन होगा आप सब के लिए। २०२० के शुरुआत में जब वायरस का उदय हुआ इस दुनिया में किसी को भी इसके चिकित्सा के विषय में ना ही कुछ पता था या इसके जैसा किसी भी बीमारी को सँभालने का तजुर्बा था। इन हालातोँ में आपने जो किया काबिले तारीफ़ है। अनेक डॉक्टर और स्वस्थ कर्मियों ने अपना बलिदान दिया , हम सब के लिए।  आपके परिवार को हमारा संवेदना भरा नमस्कार। 

आज का विषय है इन डॉक्टर और स्वस्थ कर्मियों के परिवार के विषय में। आपके समर्थन के बिना जो कुछ भी हुआ है , संभव नहीं होता। मैं आपके विषय में सोच रहा हूँ। आप पर क्या बीत रही होगी जब आपको यह पता है कि आपके परिवार का सदस्य चिकित्सा करने के दौरान सबसे अधिक सम्भावना रखता है कि वह भी वायरस के गिरफ्त में आ सकता है।  आपके त्याग का हम सराहना करते हैं। यह निःस्वार्थ सहयोग हम सदा याद रखेंगे। मैं अपने इस लेख के पाठकों से कर जोड़कर निवेदन करता हूँ कि आप अपने जान पहचान के ऐसे परिवारों के साथ संपर्क स्थापित करें और और उनको अपनी तरह से धन्यवाद कहें।  मैं भी यही करने वाला हूँ। फेसबुक के माध्यम से मैंने क्या किया आप देख पायेंगे। 

अंत में मेरी निवेदन उन लोगों से हैं जो कि इस वक़्त किसी भी कारण डॉक्टर या स्वस्थ कर्मियों से नाराज़ हैं।  नाराज़गी हम अक्सर सोशल मीडिया के जरिये व्यक्त करते हैं ताकि अधिक लोगों तक अपना नाराज़गी का वार्ता पहुँचा सकें। धन्यवाद के साथ सन्देश भी तो सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सकता है।  परन्तु हम क्योँ नहीं कर रहें हैं।  हमारी क्या असुविधा या मजबूरी है। इस समय हौसला बढ़ाने वाले सन्देश का जरूरत ज़्यादा है।  मैं समझता हूँ की हम लोगों का सम्मिलित सराहना हमारे स्वस्थ कर्मियों का मनोबल और हौसला बढ़ाएगा जो हम सब के लिए फायदेमंद है। क्या आप लोग जो मेरा यह लेख पढ़ रहें हैं यह मनोबल बढ़ाने का कदम उठाएंगे ?

वैक्सीन जितनी जल्दी हो सके लगवा लीजिये।  उसके बाद भी मास्क पहनना और दो मीटर की दूरी बरक़रार रखना जरूरी है।  सावधान रहिये।  खुश रहिये।  स्वस्थ रहिये। फिर मिलेंगे अगले महीने।  

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