शुक्रवार, 30 जुलाई 2021

नमस्कार। उम्मीद करता हूँ कि आप और आपके अपने स्वस्थ और खुश हैं। यह वायरस पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा है। हर कोई इसी आशा के साथ समय गुज़ार रहा है कि एक ना एक दिन हम वायरस के पूर्व स्वाभाविक जीवन जी सकेंगे। परन्तु कब यह संभव होगा किसी को भी नहीं पता। वायरस से संक्रमित ना होने की सतर्कता हम सभी को बरक़रार रखना है। 

वायरस का एक महत्वपूर्ण प्रभाव स्कूल के बोर्ड के परिणाम पर हुआ है। बिना परीक्षा हुए विद्यार्थियों को नंबर दिए गए हैं बोर्ड के फार्मूला के अनुसार। इसका पहला परिणाम यह रहा कि अधिक विद्यार्थी उत्तीर्ण हो सके हैं। इसके फलस्वरूप कॉलेज में ज़्यादा बच्चे दाखिल होने के लिए प्रयास करेंगे। मेरे परिचित परिवारों में मैंने इस वजह से कई प्रतिक्रिया देखें  हैं । कुछ खुश हैं ,कुछ हताश, और कुछ नाराज़ -इनकी सोच है कि कुछ विद्यार्थियों को उनके काबिलियत से ज़्यादा नंबर मिले हैं जो कि कॉलेज एडमिशन में प्रतिद्वंदिता बढ़ा रहा है। विद्यार्थिओं के साथ अभिवावक भी इस मिश्रित भावनाओं से गुज़र रहें हैं। आज का लेख इन अभिवावकों के लिए है। 

जिन अभिवावक के बच्चे उत्तीर्ण हुए हैं उनको पहले हमारी ओर से बधाई। निवेदन है कि आप अपने बच्चे का रिजल्ट स्वीकार कीजिये। इसको आप बदल नहीं सकते हैं। ना स्वीकार करने पर आप अपने पर और अपने बच्चे पर बिना किसी वजह टेंशन बढ़ा रहें हैं। याद रखिए कि बोर्ड के मार्क्स देने का फॉर्मूला हर बच्चे के परिणाम को प्रभावित किया है।  इस सिलसिले में आपके बच्चे को उम्मीद से ज़्यादा या कम मार्क्स मिल सकते हैं। ना इसके कारण आपको आनंदित या हताश  होना चाहिए। 

अपने बच्चे को निर्णय करने दीजिए कि वह आगे क्या करना चाहता है। अगर आपका बच्चा दसवीं कक्षा में उत्तीर्ण हुआ है तो उसे अपना सब्जेक्ट चयन करने दीजिये आगे के लिए। बारहवीं कक्षा के बाद कॉलेज का दाखिला एक महत्वपूर्ण कदम होता है सबके कैरियर के लिए। हर विद्यार्थी का अपने सपने का कॉलेज होता है। कुछ बच्चों के लिए केवल कॉलेज ही नहीं पढ़ने का सब्जेक्ट भी महत्वपूर्ण होता है। इस साल ज़्यादा बच्चे बारह क्लास पास किए हैं और अधिक विद्यार्थिओं को ऊँचे मार्क्स प्राप्त हुए हैं। इसके कारन कॉलेज में दाखिल होने का कम्पटीशन बहुत ज़्यादा होगा। जिन कॉलेज और सब्जेक्ट्स का ज़्यादा डिमांड है उनका कट ऑफ मार्क्स दाखिल होने के लिए पिछले सालों से ज़्यादा होगा। अगर आपके बच्चे को अपने ड्रीम कॉलेज में मनपसंद विषय में दाखिला नहीं मिल रहा है तो उसे क्या करना चाहिए ? उदाहरण स्वरुप किसी कॉलेज में आपका बच्चा अर्थनीति लेकर पढ़ना चाहता है ,परन्तु उस कॉलेज में ऊंचे कट ऑफ की वजह से उनको इतिहास पढ़ने को मिल रहा है ,अर्थनीति नहीं। तो आपके बच्चे को क्या करना चाहिए ? ड्रीम कॉलेज में सब्जेक्ट के चयन में कोम्प्रोमाईज़ करना चाहिए या किसी दूसरे कॉलेज में अपने पसंद का सब्जेक्ट पढ़ना चाहिए ? मेरी सलाह यह है कि सब्जेक्ट को कॉलेज से ज़्यादा महत्व देना चाहिए। कॉलेज में अच्छे प्रदर्शन के लिए सब्जेक्ट में दिलचस्पी होना जरूरी होता है। तब जाकर पढ़ने का आनंद मिलता है। कॉलेज की पढ़ाई , स्कूल की पढ़ाई से सम्पूर्ण अलग होता है। और इसके अनेक कारण होते हैं। 

अगर आपका बच्चा कन्फ्यूज्ड है कि उसे क्या पढ़ना चाहिए , तब चिंता का विषय होता है। मैंने दो परिस्थितिओं में यह दुविधा देखी है। अगर आपका बच्चा  एक से ज़्यादा विषय में दिलचस्पी रखता हो और उनके मार्क्स इतने अच्छे हों कि उनको अपना चॉइस का कॉलेज में उन सब सब्जेक्ट्स में दाखिला मिल सकता है। दूसरा तब होता है जब बच्चे को खुद पता नहीं कि उसकी दिलचस्पी किस विषय में और उनको तरह तरह के लोग और बुजुर्ग अपनी सलाह देते रहते हैं। इसके कारन बच्चे कन्फ्यूज्ड हो जाते हैं। कई साल पहले मैंने अपने एक दोस्त की बेटी को IIT के दाखिले को ठुकरा कर गणित में ग्रेजुएशन करने का सलाह दिया था। इस बच्ची ने ज़िन्दगी का सबसे अहम् फैसला लिया था और वह बहुत खुश है और अपनी पढ़ाई में जबरदस्त परफॉर्म कर रही है। अगर आपका बच्चा ऐसी दुविधा में है , तो जरूर सलाह लीजिए किसी ऐसे इंसान से जो आपके बच्चे को समझ कर उसको सही तरीके से गाइड कर सके। 

अभिवावक की हैसियत से आपको अपने बच्चे के चयन को समर्थन करना पड़ेगा। अगर आपकी जानकारी पर्याप्त नहीं है तो सठिक सलाह लीजिये। आप अगर चाहें तो मुझे फेसबुक के माध्यम से संपर्क कीजिये और अपनी दुविधा के विषय में हमे बताईये। मैं आपको जरूर अपनी सलाह दूँगा। अगर आप लोगों ने चाहा तब मैं रविवार , अगस्त 8 को शाम के चार बजे मिलूंगा फेसबुक लाइव के जरिये इस विषय पर चर्चा करने के लिए। अगर दिलचस्पी हो तो जरूर अटेंड कीजिए। 

यह समय कठिन है। हम सब को सावधानी और हौसले के साथ इसका मुक़ाबला करना पड़ेगा। परन्तु आपके बच्चे का भविष्य उसके अभी के निर्णय पर काफी हद तक निर्भर कड़ेगा। उसको अपना निर्णय खुद लेने दीजिए। यही आपको एक जिम्मेदार अभिभावक बनाएगा। और इसी में सबका मंगल है। आपको और बच्चे को मेरा आतंरिक शुभेच्छा आगे के सफर के लिए। 

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