शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

नमस्कार। २०२२ के लिए आपको बधाई। दुआ है कि यह साल हम सब के लिए बेहतर हो। २०२१ कुछ के लिए अच्छा था और अधिक के लिए उतना अच्छा नहीं रहा। परन्तु हमारे क्रिकेट टीम का टेस्ट मैच में प्रदर्शन बेहतरीन रहा २०२१ साल के दौरान। हमने ऑस्ट्रेलिया में जीत के साथ शुरू किया ,इंग्लैंड में विजय प्राप्त किया जून के महीने में और कुछ दिनों पहले हमने दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट मैच जीता। पूरी टीम को बधाई इस जीत के लिए। आज का लेख है मैन ऑफ़ दा मैच के इंटरव्यू से प्रेरित है। इन्होंने प्रथम पाड़ी में शतक बनाया था। उन्होंने तीन कारन बताएँ उनकी सफलता के लिए। मैं समझता हूँ कि यही तीन सीख को अपना कर हम इस वायरस के प्रकोप से अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं। 

पहली सीख है धैर्य। भारतीय टीम के कोच ने एक ही सलाह दी थी। गेंदबाज कितना ही प्रलोभित करे , आपको स्ट्रोक तभी मारना है जब कि आप एकदम निश्चित हो कि आपका गेंद पर पूर्ण नियंत्रण रहेगा। अन्यथा आपको डिफेन्स पर ध्यान देना पड़ेगा और अपने विकेट्स का रक्षा करना पड़ेगा। वायरस के प्रकोप से बचने के लिए हमें इसी तरह धैर्य का साथ लेना पड़ेगा। मैंने अधिक से अधिक लोगों को देखा है कि उन्होंने हाल छोड़ दिया है और जो नहीं करना चाहिए वो कर बैठते हैं जिनके कारण वायरस के प्रकोप में आ जाते हैं। कुछ शहरों में लोग नए साल के सेलिब्रेशन की वजह से घर से बाहर निकल कर ऐसी जगह जा रहें हैं जहाँ अत्यधिक भीड़ है लोगों का। क्या होता अगर हम इस साल यह नहीं करते ? 

दूसरी सीख है अनुशाषन। इस बल्लेबाज़ को कोच का निर्देश था कि अगर आप क्रीज़ पर समय बिता पाओगे तो रन अपने आप बन जायेंगे। गेंदबाज़ को अपना विकेट मत गिफ्ट करो। उनको आपको आउट करने के लिए मेहनत करने दो। अपना बल्ला अपने शरीर से दूर मत ले जाओ चाहे कितना भी प्रलोभन हो। हमारे लिए मास्क का प्रयोग यही अनुशाषन डिमांड करता है। किसी भी हालत में आप बिना मास्क दूसरों के सामने नहीं जा सकते हैं। हमने देखा है कि अधिकतर अपने मास्क को अपने नाक और मुँह के नीचे पहने रहते हैं। फिर मास्क पहेनने का फायदा क्या होगा। मैंने ऐसे कई लोगों से बातचीत की और पूछा कि आप ऐसा क्यों करते हो। उनका जवाब था कि मास्क पहन कर साँस लेने में असुविधा होती है। मेरा कहना है कि अगर आप वायरस के चपेट में आ गयें तो सास लेना काफी मुश्किल हो जायेगा। 

तीसरी सीख है अपने कर्तव्य का पालन करना जो कि टीम के हित में है। अगर टीम का हर सदस्य अपनी जिम्मेवारी से वाकिफ रहें और अपना कर्तव्य निभाएँ तो टीम के जीतने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप सोचो हर कोई एक ही टीम के सदस्य हैं जो कि वायरस जैसे प्रतिद्वंदी से लड़ाई कर रही है। उसे हराना ही पड़ेगा। क्योंकि इसी में हम सबका मंगल है। तो इस द्वन्द को जीतने के लिए हमारे व्यक्तिगत कर्त्वय क्या हैं ? हम सबको पता है। मास्क पहन कर घर के बाहर निकलना , सामाजिक दूरी बरक़रार रखना जब हम अन्य लोगों से मिलते हैं ,वैक्सीन के दोनों डोज़ को ले लेना ,अफवाओं को नजरअंदाज करना और अपने आप को सुरक्षित रखना। जरा सोचिये अगर हर इंसान अपने आप को सुरक्षित रखे तो वायरस करेगा क्या। तभी हमारी जीत होगी। 

२०२२ के शुरुआत में हमें और भी सावधानी बरतनी पड़ेगी क्योंकि वायरस नई वैरिएंट के साथ हमें अटैक किया है। हमें धैर्य ,अनुशाषन के साथ अपने कर्तव्य निभाना पड़ेगा। इसी में अपना मंगल है। दुआ करते हैं कि हम सभी का २०२२ बेहतर रहे और हम सब स्वस्थ और खुश रह सकें। 

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