गुरुवार, 31 मार्च 2022

नमस्कार। नए वित्तीय साल मुबारक आप सब को। मेरा विश्वास है कि यह वित्तीय वर्ष व्यावसाय और अर्थनीति के लिए बेहतरीन होगा। शायद ऐसा कभी नहीं हुआ है। हमारे देश के लिए।  मेरा अनुमान है कि २०२५ तक हमारे देश का सबसे सुनहरा समय आने वाला है। इसका फायदा हर किसी को मिल सकता है। परन्तु इस मौके का इस्तेमाल करने के लिए हम सब को तैयारी करनी पड़ेगी। चाहे हम नौकरी कर रहें हों ,व्यवसाय में हो या विद्यार्थी हो , हमें बदलना पड़ेगा और अन्तर्जातिक स्टैण्डर्ड को हासिल करना होगा ,अपने कर्म क्षेत्र में। ऐसा सुयोग क्यों हमें प्राप्त हुआ है ? एक विलन के कारण। किसी भी हीरो को हीरोपंती के लिए विलन जरूरी है। जितना तगड़ा विलन उतना ज़्यादा हीरोपंती की ज़रुरत। 

यह कोरोना पिछले दो सालों का सबसे अप्रत्याशित और ढीट विलन था पूरे विश्व के लिए। परन्तु क्या हीरोपंती दिखाई है हर किसीने। रेकॉर्ड समय में वैक्सीन का अविष्कार, प्रोडक्शन और करोड़ों को वैक्सीन लगाना। लोकडाउन , अर्थनीति का तहस नहस ,वर्क फ्रॉम होम , बर्बादी ,मृत्यु , क्या नहीं देखा हम सभी ने ? क्या परिणाम हुआ इन सब का। 

हमारे जीने का तरीका और मकसद बदल गया। हमने नए अंदाज़ में जीना सीख लिया है। मास्क और सैनिटाइज़र हमारा एक अभिन्न अंग बन गया है। कितनी कम्पनियाँ इस व्यावसाय से लाभ कमाई है। तो क्या सीख है इस विलन और हीरो की कहानी में ?

हर प्रतिकूल स्थिति को हमें विलन के तरह देखना होगा। और अपने आपको हीरो बनने का मौका दिखाना पड़ेगा। हीरो बनने के लिए क्या गुण चाहिए ? निडर होना पड़ेगा। दिल के बजाय दिमाग से निर्णय लेना पड़ेगा। जल्द निर्णय लेना पड़ेगा। गलती हो सकती है। गलत होने के डर से निर्णय ना लेना और भी खतरनाक होता है। सफलता मिलेगा , यह विश्वास करना पड़ेगा। 

हिंदी फिल्मों में हीरो चाहे कितना भी पिट जाए ,हमें पता है कि अंत में जीत उसी की होगी। ज्यादातर फिल्मों में। परन्तु वास्तविक जीवन में ऐसा कोई गारंटी नहीं है। हीरोपंती में सफलता ,असफलता और निराशा , कुछ भी हो सकता है। इसी लिए हिंदी फिल्मों के बादशाह का एक डायलॉग बहुत मशहूर हुआ था -जीत कर हारने वाले को बाज़ीगर कहते हैं। 

खेल के मैदान में या ज़िन्दगी के सफर में ,जो जितना प्रतिकूल परिस्थितिओं पर विजय पाता है ,वह उतना बड़ा हीरो बन जाता है। आप भारतीय क्रिकेट के कप्तान कूल का उदाहरण लीजिए। हम उनसे क्या सीख सकते हैं। कितनी भी बड़ी विपत्ति हो ,विचलित ना होना। दिमाग को ठंडा रखना। अपनी काबिलियत पर भरोसा रखना। इस काबिलियत को बनाने और बरक़रार रखने के लिए कठिन परिश्रम करना। बदलते हुए हालात के लिए रणनीति बदलना और अपनों पर भरोसा रख कर उनको अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास के लिए प्रोत्साहित करना। यही सफलता का मंत्र है जो कि हमें इस मौकों से भरी हुई भविष्य के लिए जरूरत है। 

नए वित्तीय वर्ष में आपको सफलता और कामयाबी मिले ,यही दुआ करूँगा ऊपर वाले के पास। अपने सेहत का ख्याल रखिए। सावधानी बरतिए। विलन अभी तक नाश नहीं हुआ है। हमें सुधरने का सलाह दीजिये ,फेसबुक के माध्यम से। इंतज़ार करूँगा। 

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