बुधवार, 27 अप्रैल 2022

नमस्कार। मई महीना यानि वित्तीय साल का दूसरा महीना। जो नौकरी में हैं ,इन्क्रीमेंट ,प्रोमोशन और नए इरादों के साथ इस साल और बेहतर करने का संकल्प। जो व्यवसाय में हैं ,उनके लिए भी नई शुरुआत। खास कर इस वर्ष जब हम  सब कोरोना के प्रकोप को पीछे छोड़ कर नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहें हैं यही सोचते हुए कि दो सालों का व्यावसायिक नुकसान को इस साल जरूर रिकवर करना पड़ेगा। जो कि पहली नौकरी ढूंढ रहें हैं उनकी भी उम्मीदें स्वाभाविक जीवन वापस आने की आशा पर टिकी हुई है। 

मेरा आज का लेख एक कदम पीछे हट कर भविष्य की ओर देखने का प्रयास है। कई अभिभावकों ने मुझे अनुरोध किया है उनके बच्चों के कैरियर चयन में उनकी मदत करने के लिए। मेरा प्रयास होगा कि मेरे इस लेख के माध्यम से उन बच्चों और उनके अभिभावकों का हौसला बढ़ा सकूँ जो पढ़ाई लिखाई में उतने तेज नहीं हैं या दिलचस्पी कम रखते हैं। मेरा तजुर्बा बोलता है कि ऐसे बच्चोँ की संख्या , पढ़ाई में अच्छे और दिलचस्पी रखने वाले बच्चों की तुलना में कई गुण ज़्यादा है। 

पहली बात जो हमें समझना पड़ेगा कि नौकरी और कैरियर में फर्क क्या है। साधारण भाषा में यह समझिए कि नौकरी में आपका वर्तमान आय मिलता है जब कि कैरियर में वर्तमान आय के अलावा भविष्य का रास्ता और अधिक जिम्मेवारी और अधिक आय का रास्ता भी सामने नज़र आता है। एक उदाहरण देता हूँ। कई युवा फूड डेलिवेरी का काम कर रहें हैं। यह एक नौकरी है। कैरियर नहीं है। इस सन्दर्भ में यह समझना जरूरी है कि किस इंडस्ट्री में कैरियर बन सकता है ,यह साधारण लोग कैसे समझें। इस को समझने का सर्वोत्तम उपाय है सरकार के प्रयासों और फोकस को समझना ,विश्लेषण करना और कौन सा कैरियर आते हुए  समय की जरूरतों से नाता या रिश्ता रखता है। एक और उपाय है हमारे खुद के जीवन यापन में परिवर्तन और नई दिशा को समझना। मैं इस दोनों उपायों पर आधारित तीन कैरियर चयन का ज़िक्र करूँगा। 

सरकार ने नई एडुकेशन पोलिसी का ऐलान किया है। इस पोलिसी का मूल उद्देश्य है कि शिक्षा के माध्यम से लोगों का ज़िन्दगी सुधारना है। और हर किस्म के नौकरी के लिए कोई ना कोई कौशल जरूरत है। स्कूल से उत्तीर्ण होने के बाद अगर कोई किसी कारण आगे पढ़ाई नहीं कर पाएगा उसको भी अपने काबिलियत के अनुसार कौशल सिखाया जायेगा जिसकी वजह से उसे नौकरी मिल सकती है और वह उस क्षेत्र में आगे कैरियर भी बना सकता है। अब सोचिए इस सन्दर्भ में कितने शिक्षक (वह भी तरह तरह के विषय के ) जरूरी होंगे जिनको नौकरी मिल सकती है। क्या ग्रेजुएशन करके कोई स्कूल मेंअध्यापक बन सकता है। शायद नहीं। शिक्षक बनने का तालीम लेना पड़ेगा। 

अब एक उदाहरण दूँगा हमारे ज़िन्दगी में आए बदलाव के सिलसिले में। कोरोना का सबसे बड़ा प्रभाव रहा है हमारे डिजिटल व्यवहार पर। हम ऑनलाइन काफी कुछ करने लगें हैं जो हम नहीं करते थे। इसका एक परिणाम है साइबर फ्रॉड। साइबर सिक्यूरिटी एक जबरदस्त कैरियर का संभावना प्रदान करता है। इसके कई सर्टिफिकेट प्रोग्राम को करने के बाद अच्छी नौकरी जरूर लग सकती है। डिजिटल मार्केटिंग का कैरियर एक और ऐसा कैरियर है। मजेदार बात यह है कि इन कैरियर के लिए अब तक आप क्या पढ़े हैं उतना मायने नहीं रखता है। 

पिछले कई सालों से इंजीनियरिंग कॉलेज में काफी सीट खाली जा रही हैं और इंजीनियरिंग करने के बाद भी सही नौकरी नहीं मिल रही है। ऐसा क्यों हो रहा है ? इंजीनियरिंग का कैरियर का भविष्य क्या नाजुक है ? कहाँ गलती हो रही है और कौन गलती कर रहा है ? इंजीनियरिंग तो हर किसी के बस की बात नहीं होती. बी ए बी Sc या बी com करने के बाद क्या कैरियर चॉइस है। १२ क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ने वाले का कैरियर चॉइस क्या हो सकता है ? बिना स्कूल उत्तीर्ण करने वाले का क्या कोई कैरियर चॉइस है ? या नहीं ? इन सब विषयों पर अग्रिम कुछ महीनों में चर्चा होगी। 

अगर आपका कोई प्रश्न है किसी भी कैरियर के विषय में , मुझे फेसबुक के माध्यम से बताइए। जरूर जवाब दूंगा। इतना समझ लीजिए कि हमारे देश में अगले पाँच वर्षों में कैरियर चॉइस की कोई कमी नहीं होगी।  हमे केवल सही कैरियर का चयन और उसकी तैयारी करनी पड़ेगी। 

सावधान रहिए। कोरोना का संक्रमण फिर बढ़ रहा है। फिर मिलेंगे अगले महीने आपके साथ। 

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