गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025

नमस्कार। २०२५ के समाप्ति की ओर हम बढ़ रहें हैं। त्योहारों का समय समाप्त हो चुका है और हम सर्दी के मौसम का 
आनंद लेने के लिए तैयार हो रहे हैं। इसी महीने हमारे देश के प्रथम प्रधान मंत्री के जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में 
मनाते  हैं। चूँकि यह दिवस एक लीडर के जन्मदिन पर है और बच्चों के लिए है , इसलिए मैं यह प्रश्न आपके पास कर रहा
हूँ कि क्या आपके बच्चे में नेतृत्व के गुण हैं?

हर माता-पिता अपने बच्चे को सफल देखना चाहते हैं। कोई चाहता है कि वह डॉक्टर बने, कोई इंजीनियर, कोई कलाकार। 
लेकिन आज के समय में सिर्फ़ अकादमिक सफलता ही नहीं, बल्कि नेतृत्व क्षमता (Leadership Qualities) भी बच्चों के 
विकास का अहम हिस्सा बन गई है। सवाल है—क्या आपके बच्चे में नेतृत्व के गुण हैं? और अगर हैं, तो आप उन्हें कैसे 
निखार सकते हैं?

आप कैसे आपके  बच्चे में नेतृत्व के संकेत पहचान सकते हैं ? 
नेतृत्व किसी किताब से नहीं सिखाया जा सकता, यह एक स्वभाविक प्रवृत्ति के रूप में बचपन से दिखाई देने लगता है। 
कुछ संकेत बताते हैं कि आपका बच्चा नेतृत्व के रास्ते पर चल सकता है:

जिम्मेदारी उठाने की प्रवृत्ति:अगर आपका बच्चा खेल के मैदान में या स्कूल प्रोजेक्ट में अपने साथियों को व्यवस्थित करने 
की कोशिश करता है, सबको जोड़ता है, या निर्णय लेने में आगे रहता है—यह एक बड़ा संकेत है। ऐसे बच्चे दूसरों के 
भरोसे को समझते हैं और जिम्मेदारी निभाने में संतुष्टि महसूस करते हैं।

सहानुभूति और सुनने की कला:नेता आदेश देने वाला नहीं, समझने वाला होता है। जो बच्चा अपने दोस्तों की भावनाओं को 
समझता है, विवादों को सुलझाने की कोशिश करता है, और सबकी बात ध्यान से सुनता है—वह भविष्य में टीम बनाने और 
उसे संभालने की क्षमता रखता है।

सकारात्मक दृष्टिकोण और आत्मविश्वास:कठिन परिस्थितियों में बच्चे का व्यवहार बहुत कुछ बताता है। अगर आपका बच्चा हार 
के बाद भी सीखने की बात करता है, समस्याओं का समाधान ढूंढने की कोशिश करता है, तो यह “growth mindset” 
का संकेत है—जो हर सफल नेता की नींव होती है।

स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता: नेतृत्व वहीं से शुरू होता है, जब बच्चा खुद सोचता है और अपने फैसलों के परिणामों को 
स्वीकार करता है। ऐसे बच्चों को “क्या करना है” बताने के बजाय “क्यों करना है” पूछना ज़रूरी होता है।

नेतृत्व के बीज तो बच्चे में पहले से होते हैं, लेकिन उन्हें पोषित करने का काम परिवार करता है। इस संदर्भ में माता-पिता
क्या कर सकते हैं? 

स्वतंत्रता दीजिए, नियंत्रण नहीं:  हर छोटी बात में दखल देने के बजाय बच्चे को निर्णय लेने का अवसर दें। उदाहरण के लिए,
उसे अपने कपड़े या प्रोजेक्ट की दिशा खुद तय करने दीजिए। गलतियाँ होंगी, पर यही अनुभव उसकी सोच को परिपक्व 
बनाएगा।
संवाद का माहौल बनाइए: लीडर बनने के लिए संवाद कौशल बेहद ज़रूरी है। परिवार में “बात करने” और “सुने जाने” की
संस्कृति बनाइए। जब बच्चा महसूस करता है कि उसकी राय की अहमियत है, तब उसका आत्मविश्वास बढ़ता है।

सहानुभूति और सहयोग सिखाइए: बच्चों को यह समझाना ज़रूरी है कि नेतृत्व का मतलब दूसरों पर हुकूमत नहीं, बल्कि 
उन्हें आगे बढ़ाने की क्षमता है। सामाजिक कार्यों, समूह गतिविधियों, या छोटे-छोटे घर के ज़िम्मेदारी भरे कामों में उसे
शामिल कीजिए।

प्रेरणा, दबाव नहीं:  हर बच्चा नेता नहीं बनेगा, लेकिन हर बच्चे में नेतृत्व की संभावनाएँ होती हैं। उसकी तुलना दूसरों से 
करने के बजाय उसकी ताकतों को पहचानिए और उसे प्रेरित कीजिए कि वह अपनी मौलिकता में चमके।

 
नेतृत्व का मतलब सिर्फ़ पद या प्रतिष्ठा नहीं, बल्कि आत्म-प्रेरणा, संवेदनशीलता और दूसरों को साथ लेकर चलने की क्षमता है। अगर हम माता-पिता अपने बच्चों को सुनना, समझना और भरोसा करना सीख जाएँ—तो नेतृत्व के बीज स्वाभाविक रूप से अंकुरित हो जाते हैं।  

अगली बार जब आप अपने बच्चे को देखें, तो सिर्फ़ यह न सोचें कि वह कितना “स्मार्ट” है, बल्कि यह भी देखें कि वह
 दूसरों को कितना “स्मार्ट महसूस कराता” है। यही असली नेतृत्व की शुरुआत है।   

 

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