रविवार, 6 नवंबर 2016

त्यौहारों का मौसम कैसा रहा आपके और आपके चाहने वालों के लिए ? दीपावली का त्योहार मुझे बेहद पसंद है। चारो तरफ रोशनी एक खुशी का माहोल तैयार करती है। अभी शब्द प्रदुषण पर पाबन्दी के कारण दिवाली का आनंद और भी ज़्यादा हो गया है। एक और महत्वपूर्ण कारण जिसके लिए हर साल मैं इंतज़ार करता हूँ दिवाली का -नई हिंदी फिल्मों का रिलीज़ , दिवाली के अवसर पर।
इस साल भी कई फिल्में रिलीज़ हुई। वितर्क और समालोचना भी हुआ। लेकिन मैं आज और अगले महीने दिवाली से पहले प्रदर्शित हुई दो फिल्मों का जिक्र करूँगा। एक अंग्रेजी और एक हिंदी।
पहले अंग्रेजी। फिल्म का नाम है Sully. आपने देखा है। नहीं देखा है तो अवश्य देखिये। जिन्होंने देखा है दूसरों को देखने के लिए जरूर प्रोत्साहित कीजिये।
जिन्होंने नही देखा है -उनके लिए संछिप्त में फिल्म की कहानी। Sully एक पायलट है। अमेरिका में एक  दिन न्यू यॉर्क शहर से अमेरिका के एक और शहर तक एक US Airways विमान का पायलट। चालिस साल का तजुर्बा ,पायलट की हैसियत से। स्पॉटलेस कैरियर रेकॉर्ड। हर कोई उनके काबिलियत से मोहित।
विमान के take off के तुरंत बाद उड़ते हुए पँछियों का एरोप्लेन के इंजन के साथ टकराना ;दोनों इंजन ख़राब हो जाना ; काफी कोशिश के बाद हवाई जहाज को सही सलामत न्यू योर्क शहर के हडसन नदी में उतारना। सब यात्री और हवाई जहाज के कर्मचारियों का सही सलामत रहना। एक हीरो का जन्म। अमेरिका के राष्ट्रपति का बधाई के साथ सन्देश। Sully का जवाब "मैंने अपने कर्तव्य का पालन किया है। "
गज़ब की कहानी। कहानी नहीं। एक घटना 2009 साल का जिसको फिल्म में दर्शाया गया है। कहानी का यह अंत नहीं। शुरुआत है। हर संवाद माध्यम के लिए Sullyहीरो है। परंतु Sully और उनके co pilot का इन्वेस्टीगेशन शुरू हो जाता है। क्या हवाई जहाज को नदी पर उतारना ज़रूरी था ?क्या घुमा एयरपोर्ट वापस नहीं लाया जा सकता था ? कई प्रश्नों का जवाब ढूंढा जा रहा था। मीडिया ने रुख बदल लिया। क्या इतने यात्रियों के ज़िन्दगी को खतरे में डाल कर Sully ने सही निर्णय लिया हवाई जहाज को नदी पर उतारने का ?अचानक एक हीरो ,खलनायक में परिणत होने लगा। एक बार सोचिये Sully के बारे में। क्या गुज़र रही होगी उनके मन के अंदर ?
enquiry commission ने computer simulation का सहारा लेने का निर्णय लिया। यह समझने के लिए कि हवाई जहाज को वापस निकटतम हवाई अड्डे तक वापस लाया जा सकता था या नहीं ? इसके लिए कुछ दिनों का समय लगेगा। क्या रहा अंतिम निष्कर्ष ?बताऊंगा फिल्म की तरह अंत में।
उसके पहले फ्लैशबैक। क्या हुआ था उस सुबह जब Sully के नेतृत्व में उनके हवाई जहाज ने उड़ान शुरू किया था ?Sully के चालीस साल के कैरियर में उस दिन का सुबह भी किसी और दिन के तरह ही था। यात्री छुट्टियों में जा रहे थे। महिला ,पुरुष , बच्चे , बुजुर्ग। उड़ान भरने के तुरंत बाद पक्षीयों का झुंड हवाई जहाज के दोनों इंजन के अंदर घुस जाता है। तुरंत Sully का चेहरा बदल जाता है। किसी भी उड़ान में यह तय रहता है कि उस दिन जहाज उड़ाने की जिम्मेवारी किस पर है -कप्तान या co pilot पर। उस उड़ान के संचालन की जिम्मेवारी co pilot पर था।
इसके बाद के घटनाओं से मुझे कई सारी सीख मिली है जो मैं आपके लिए पेश कर रहा हूँ।

  1. दुर्घटना कभी भी ,कहीं भी हो सकता है। अगर आप पर और लोगों की जिम्मेवारी है तो पहली बात यह है कि आपको घटना का बागडोर अपने आप पर लेना होगा और यह घोषित करना होगा। 
  2. दिमाग ठंडा रखना पड़ेगा और छोटे -छोटे निर्देश जारी करने पड़ेंगे। जैसा Sully ने किया। हर हवाई जहाज में एक निर्देश पत्रिका रहता है। तरह -तरह के परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए। 
  3. पहले Sully ने इस निर्देश पत्रिका के अनुसार एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को विमान का लोकेशन बताया ; इमरजेंसी की घोषणा की ; और नजदीक के हवाई अड्डे को एलर्ट करने का निर्देश दिया। इस वक़्त Sully एयर ट्रैफिक कंट्रोल को भी नेतृत्व देना शुरू किया। क्योंकि उसे जितना पता था ;एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को केवल अंदाज़ मात्र था। यह है हमारी दूसरी सीख। पूरा कण्ट्रोल लीजिये ,इमरजेंसी के समय। 
  4. उसके तुरंत बाद उसने अपने सह कप्तान को एक -एक इंस्ट्रक्शन जोर -जोर से बोलने को कहा। Sully ने इंस्ट्रक्शन निभाया और उसे दोहराया। इसका दो मकसद है जो की हमारी अगली सीख है। जोर से दोहराना इंस्ट्रक्शन को निभाने का कन्फर्मेशन है। इसके अलावा एक दूसरे से बात करने से भय दूर होता है और कॉनसन्ट्रेशन बरक़रार रहता है। कठिन सर्जरी के समय सर्जन भी यही करते हैं। 
  5. एयर ट्रैफिक के साथ बातचीत के कुछ समय बाद , Sully यह निर्णय लेता है कि वह हवाई अड्डे तक हवाई जहाज को नहीं पहुंचा पाएगा और उसका एक मात्र उपाय है विमान को हडसन नदी पर उतारना पड़ेगा। यह निर्णय उसने खुद लिया। सह कप्तान के साथ कोई सलाह नहीं किया। क्योंकि समय नहीं था। समय पर निर्णय लेना ज़रूरी है। सलाह हर बार नहीं लिया जा सकता है। 
  6. उसने इसके बाद दो निर्देश दिया। एक यात्रियों को -इमरजेंसी अवतरण के लिए तैयार हो जाइए। दूसरा एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को यह बताते हुए कि वह विमान को हडसन नदी पर उतारने का निर्णय ले चुका है। इसके तुरंत बाद वह एयर ट्रैफिक कण्ट्रोल के साथ अपना संपर्क बंद कर देता है। इसमें एक बेहतरीन सीख है। उसे पता था कि एयर ट्रैफिक कण्ट्रोल उसके साथ बहस करेगा विमान को पानी पर ना उतारने का। इससे उसके कॉनसन्ट्रेशन पर प्रभाव पड़ेगा लेकिन उसका निर्णय तो नहीं बदलेगा। क्यों बेकार की बहस में समय और एनर्जी बरबाद करें ?
  7. विमान में इमरजेंसी के घोषणा के बाद विमान सेविकाओं का हर यात्री को ठन्डे दिमाग से समझाना कि कैसे इमरजेंसी लैंडिंग के लिए उन्हें बैठना है। जब तक विमान का अवतरण नहीं हुआ तब तक सेविकाओं ने केवल एक शब्द को जोर -जोर से दोहराया -brace -जिसका अर्थ है सीट पर बैठे हुए आप अपने सामने वाले सीट को पकड़िए ओर अपने सर को अपने हाथों के बीच झुक कर रखिए। एक कप्तान तभी सफल होता है जब कि उसका टीम का हर सदस्य अपना कर्त्तव्य निभाता है। एक बात का ख्याल कीजिएगा कप्तान ने केवल इमरजेंसी डिक्लेअर किया ;एक बार भी यह नहीं बताया कि हवाई जहाज पानी पर उतरेगा। इमरजेंसी का घोषणा कीजिए ;पैनिक मत फैलाइए। 
  8. एयर ट्रैफिक कन्ट्रोलर ने क्या किया ? समपर्क विच्छिन होने पर उसने आगे की सोची। अगर हवाई जहाज सही सलामत नदी पर उतर गया तो यात्रियों को पानी से निकलना पड़ेगा। उसने क्या किया ? उसने हडसन नदी पर विराजमान लॉन्च को इस हवाई जहाज के उतरने के बारे में सूचित किया। यह सीख है एक टीम का दूसरे टीम की सहायता करना ;आशावादी रहना ;और आगे की सोचना। 
  9. आपको फिल्म देखना पड़ेगा कप्तान के चेहरे को समझने के लिए जब विमान आखिर पानी पर उतरना शुरू करता है। कॉकपिट में दोनों पायलट एक बार एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं और एक दृष्टि से सामने नदी की ओर देखते हैं। पार्टनरशीप का कोई विकल्प नहीं है। लेकिन लीडर एक ही है। 
  10. विमान के पानी पर उतरने के एक -एक यात्री को विमान से निकालने के बाद ,Sully विमान के अंत तक जाता है यह चिल्लाते हुए कि कोई अंदर तो नहीं है। लीडर अपनी बात अंत में सोचता है। 

कितना समय मिला था Sully को -इंजन के चोट पहुँचने से लेकर पानी में विमान को उतारने तक? 256 seconds . इन्वेस्टीगेशन का नतीजा क्या रहा ? अगले महीने बताऊँगा। क्योंकि आप में से कुछ लोग शायद इस फिल्म को देखने का कोशिश करो। मैं कहूँगा ,ज़रूर देखो।
अगले महीने हमारे एक प्रिय हीरो के बारे में लिखुंगा। कौन है यह हीरो?फेसबुक पर मुझे बताईये। तब तक खुश रहिए। छट पूजा पर आप सबको बधाई। सूर्य भगवान से प्रेरित होकर औरों की ज़िन्दगी में रोशनी फैलाइए। इसका आनंद कुछ और ही है।


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