शुक्रवार, 2 जून 2023

नमस्कार। जून का महीना। गर्मी से बरसात की ओर मौसम का सफर। भयानक गर्मी से हमारे देश के अधिकतर राज्य के लोग परेशान। मौसम दफ्तर से तुरंत इस गर्मी से राहत मिलने की भविष्यवाणी नहीं सुनाई पड़ रही है। संयोग से आज विश्व पर्यावरण दिवस है। 

वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव पर्यावरण विषय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन किया गया था। इसी चर्चा के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस का सुझाव भी दिया गया और इसके दो साल बाद ,5 जून 1973 से इसे मनाना भी शुरू कर दिया। इसमें हर साल 143 से अधिक देश भाग लेते हैं और इसमें कई सरकारी ,सामाजिक और व्यावसायिक लोग पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि विषय पर बात करते हैं। 

मेरे लिए इस दिवस को हम सब को निजी हैसियत से समझना और निभाना चाहिए। अगर हम सब केवल अपने और हमारे ज़िन्दगी से युक्त कार्य कलाप का मूल्यांकन करे और यह समझ ले कि हम ऐसा क्या कर रहें हैं जो कि पर्यावरण को दूषित कर रहा है और उन सब गतिविधियों को ना करें तब हम अपनी ओर से विश्व पर्यावरण और दूषित ना करने में अपना कर्त्तव्य निभाएंगे। मैंने निर्णय किया है कि मैं प्लास्टिक बैग का प्रयोग वर्जित करूँगा अपनी ओर से। और हमारे परिवार ने निर्णय लिया है कि हम घर में और घर के चलने में पानी का अपचय रोक देंगे। छोटा प्रयास है परन्तु महत्वपूर्ण प्रयास है। इरादे तो सठीक हैं परन्तु क्या हम डिसिप्लिन के साथ हमारे इरादों पर टिके रह पाएंगे। अनुशाषन या डिसिप्लिन ही किसी भी प्रयास में सफल होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। 

हाल में किसी ने मुझे एक वीडियो फॉरवर्ड किया। इस वीडियो एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के एक अध्यापक ने एक रिसर्च किया है। इस रिसर्च या अनुसंधान का विषय था सफल और प्रसिद्ध इंसानों के सफलता तक और सफल बने रहने के सफर का अध्ययन करके इस निष्कर्ष पर पहुँचना कि सफलता के पीछे कोई ऐसा राज़ छुपा है जो कि हर सफल इंसान के सफलता का एक कारण है। इस सन्दर्भ में यह बताना जरूरी है कि इस रिसर्च में हर क्षेत्र में सफल लोगों का अध्यन किया गया है। खेल -कूद ,म्यूजिक ,नृत्य ,सिनेमा ,विज्ञान ,साहित्य , हर क्षेत्र के सफल इंसानो के विषय में उनके सफलता के पीछे एक राज़ हर किसी के लिए देखा गया है। 

यह राज़ प्रेरणा नहीं है। यह है डिसिप्लिन या अनुशाषन। मैं भी इस जानकारी से आश्चर्य हुआ हूँ। सबसे चौकाने वाली बात है इन सब सफल लोगों के लिए अनुशाषन की परिभाषा। इनका कहना है कि अनुशाषन उस वक़्त का सहारा है जब दिल और दिमाग दोनों मना करता है वह करने को जिस पर सफलता निर्भर करता है। हारमोनियम पर रिवाज़ जरूरी है परन्तु दिल और दिमाग कह रहा है कि रिवाज़ करने का मूड नहीं है ,तब अनुशाषन मजबूर करता है दिल और दिमाग को वष में लेकर रिवाज़ करना क्योंकि उसका कोई विकल्प नहीं है। 

इसका सबसे बड़ा उदाहरण इस साल के आईपीएल में मिला है। 2018 में भारतीय क्रिकेट टीम ने under 19 विश्व कप जीता था। इस टीम के कप्तान और उप कप्तान को भविष्य का प्रतिभा माना जाता था। परन्तु इस साल -ठीक पाँच साल बाद उप कप्तान आईपीएल में टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ख़िताब से आभूषित हुआ और कप्तान को लज्जाजनक तरीके से अपनी टीम से निकल जाना पड़ा। हर क्रिकेट पंडित इस विषय में एक ही निष्कर्ष पर पहुँचा है -एक का अनुशाषन और कप्तान में अनुशाषन का अभाव। 

कप्तान का जब भी जिक्र होता है तब कप्तान कूल का चर्चा आवश्यक होता है। पाँचवी बार आईपीएल का ख़िताब जीतने के लिए मुबारक। आप कैसे प्रेरित करते हो ऐसे टीम को चैंपियन बनने में। जहाँ नए और अनुभवी खिलाड़ी दोनों ऐसे जूनून के साथ खेलते हैं टीम को चैंपियन बनाने में। मैं अगले महीने कप्तान कूल के जन्मदिन के अवसर पर उनके लीडरशिप पर चर्चा करूँगा। 

तब तक आप खुश रहें ,स्वस्थ रहें और पर्यावरण में दूषण कम करने के लिए जो भी संभव हो प्रयास करें। 

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